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हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) दस दिन तक चलने के बाद शुक्रवार को संपन्न हो गया. सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है. विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार (Vipen Parmar) ने इसकी घोषणा की. यह सत्र काफी हंगामेदार रहा. कई मुद्दों पर विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की.
कोरोना संकट के चलते निरस्त की गई विधायक क्षेत्र विकास निधि को जयराम सरकार ने बहाल कर दिया है. विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने इसकी जानकारी दी. दरसअल, हाल ही में कांग्रेस विधायक दल ने सीएम से मुलाकात की थी और विधायक निधि बहाल करने की मांग की थी. शुक्रवार को विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने घोषणा करते हुए कहा कि विधायकों के लिए अपने क्षेत्र में विकास की एकमात्र निधि होती है, जो कोरोना संकट के चलते दो साल के लिए निरस्त कर दी गई थी, लेकिन सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक लगातार मांग कर रहे थे कि विधायक निधि को बहाल किया जाए. सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में विधायक निधि बहाल करने की घोषणा की थी, जिसमें 50 लाख रूपये दिया जाएगा.
कितनी है विधायक निधि
हालांकि, पहली किस्त अक्तूबर माह में 25 लाख रूपये दी जाएगी और बाकी 25 लाख रूपये पंचायत चुनावों के बाद दिए जाएंगे. हिमाचल में प्रति विधानसभा हर साल 1 करोड़ 75 लाख रूपये विधायक निधि के रूप में दिए जाते हैं. इसमें से केवल 50 लाख रूपये शुरूआती चरण में दिए जा रहे हैं. नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूरी विधायक निधि देने की मांग की थी, जिस पर सीएम असमर्थता जाहिर की.
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