Shimla : Chief Minister – जल के उपयोग में अपने व्यवहार में लाएं आवश्यक बदलाव

    0
    17
    Himachal-Pradesh-Shimla-Tatkal-Samachar-water-harvesting-necessary
    Bring necessary changes in your behavior in the use of water

    हरित राज्य के लिए जल संचयन आवश्यक

    विश्व जल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में जल के महत्व के दृष्टिगत जल संरक्षण के महत्व को समझने तथा इस बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्व जल दिवस के अवसर पर सभी लोगों को जल और स्वच्छता संकट के समाधान की दिशा में कार्य करने की भी आवश्यकता है। इस वर्ष के विश्व जल दिवस का विषय ‘एक्सलरेटिंग चेंज’ रखा गया है।


    उन्होंने जल के उपयोग और प्रबंधन के हमारे प्रतिदिन के तौर-तरीकों में बदलाव का आह्वान करते हुए कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत जनसंख्या को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हमें जल की प्रत्येक बूंद बचानी चाहिए।


    उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों, कम या असमय बारिश और हिमपात के परिणामस्वरूप प्राकृतिक जलस्रोत सूख रहे हैं जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण जल संसाधनों के संरक्षण के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।


    मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नदियों का जल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए हमें ‘हरित उपाय’ अपनाने पर विशेष बल देना होगा ताकि हिमालय के ग्लेशियर और पारिस्थितिकी तंत्र पर ग्लोबल वार्मिंग का कम से कम प्रभाव पड़े।


    उन्होंने जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली को गति प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीक और बदलाव को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यूवी तकनीक के माध्यम से लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है। राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हरित हाइड्रोजन से संबंधित एक महत्वपूर्ण समझौता शीघ्र ही होने जा रहा है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त हिमाचल बनाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन और कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को फिर से आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नियमों इत्यादि में आवश्यकतानुसार बदलाव की भी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि आगामी दस वर्षों में हिमाचल विकसित और आर्थिकी रूप से आत्मनिर्भर राज्य बनकर उभरेगा।


    मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व जल दिवस पर वर्ष 2023 की विषय वस्तु ‘जल और स्वच्छता संकट को हल करने के लिए परिवर्तन में तेजी लाने’ में निहित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमें सामूहिक रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को जीवन में जल के उपयोग एवं प्रबंधन के उचित तरीकों के बारे में समझाना होगा।


     मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर नौ जिलों की 50 ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों और ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इन ग्राम पंचायतों ने विभिन्न जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन, रखरखाव एवं वितरण के संबंध में जल शक्ति विभाग के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए हैं।


    उन्होंने ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करने के लिए प्रदेश के खंड स्रोत समन्वयकों, जिला ऊना की अंबेदिका शर्मा, रेनू बाला, पूनम सैनी, राजिंदर कौर, प्रदीप कुमार, जिला शिमला के जगदीश चंदी व जोगिंदर सिंह, जिला किन्नौर की चित्र रेखा को भी सम्मानित किया।


    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जल एवं इसके माध्यम से प्रकृति के संरक्षण में योगदान देने की शपथ भी दिलाई।


    उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पेयजल के सीमित स्रोत हैं और  सभी की सामूहिक भागीदारी से जल संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जल संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा जल जीवन मिशन पर लगभग 5500 करोड़ रुपये व्यय करने के बावजूद दूरदराज क्षेत्रों में लोगों के घरों तक पेयजल की सुविधा नहीं मिल पाई।


    मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने राजस्व में वृद्धि के दृष्टिगत जल-उपकर लगाया है और यह उपकर लगाने के लिए राज्य कानूनी रूप से सक्षम है। उन्होंने कहा कि इससे संसाधन जुटाने में काफी मदद मिलेगी और लोगों के कल्याण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय हिमाचल प्रदेश के पक्ष में आने के बावजूद अभी तक राज्य बीबीएमबी की परियोजनाओं में अपने अधिकारों से वंचित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी वार्ता के माध्यम से इस मामले के समाधान के पक्ष में हैं।


    जल शक्ति विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और विश्व जल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य अभियंता एवं निदेशक जोगिंदर सिंह चौहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।


    इस अवसर पर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। https://www.tatkalsamachar.com/mandi-ancient-culture/
    इस अवसर पर विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि, जल शक्ति विभाग के अधिकारी और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

    Share this News

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here