रिकांगपिओ : जिला बाल संरक्षण समिति एवं जिला आश्रम कल्याण समिति की समीक्षा बैठक

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    Review meeting of District Child Protection Committee and District Ashram Welfare Committee

    उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने आज यहां जिला बाल संरक्षण समिति एवं जिला आश्रम कल्याण समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि जिले में बाल कल्याण परिषद क्रैग गार्डन शिमला के द्वारा कल्पा में बालिका आश्रम में 28 बालिकाओं को आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। यह सभी बालिकाएं कल्पा स्थित सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
    उन्होंने बताया कि बालिका आश्रम कल्पा से इस वर्ष संगीता को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सोलन प्रशिक्षण लेने भेजा गया है जो कि जिले सहित बालिका आश्रम कल्पा के लिए गौरव का विषय है।


    कोविड के चलते 6 बालिकाएं इन दिनों अपने-अपने अभिवावकों के पास अस्थाई तौर पर रह रही हैं तथा 22 बालिकाएं आश्रम में रह रही हैं। जिले में प्रतिपालक देखभाल योजना के तहत जिले में 23 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है तथा इनके पालन पोषण के लिए प्रतिपालक परिवार को 2 हजार रुपये तथा बच्चे के खाते में 500 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है जिस पर इस वित्त वर्ष मेें अब तक 3 लाख 45 हजार रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।


    बैठक में बताया गया कि क्षेत्रीय अस्पताल रिकांग पिओ की धरातल मंजिल के कमरा नं. 119 में शिशु पालना केन्द्र स्थापित किया गया है जिसमें इस वर्ष कोई भी मामला प्राप्त नहीं हुआ है। बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 3 अनाथ तथा 26 अर्ध-अनाथ बच्चों की पहचान की गई है। जिले में कोविड -19 के कारण अनाथ बच्चों का कोई भी मामला संज्ञान में नहीं आया है परंतु कोविड-19 के कारण 4 बच्चे अर्ध-अनाथ हुए हैं।


    उपायुक्त ने आश्रम में रह रही बालिकाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाने तथा हर प्रकार से उनकी देखभाल सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।


    बैठक में बताया गया कि बालिका आश्रम कल्पा की सुरक्षा दीवार में जाली लगाने का कार्य लोक निर्माण विभाग कल्पा के माध्यम से प्रगति पर है जिसके लिए 2 लाख 74 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।


    उपायुक्त ने बाल संरक्षण समिति एवं आश्रम कल्याण समिति के अधिकारियों से बच्चों के साथ संवेदनशीलता से व्यवाहर करने के निदेश दिए तथा कहा कि ऐसे बच्चों की नियमित रूप से काॅउसिंलिंग की जानी चाहिए।


    जिला बाल संरक्षण अधिकारी एल.आर नेगी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।


    इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी, उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर, उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा अशोक नेगी, जिला कार्यक्रम अधिकारी देव भगत नेगी, बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा शशि विष्ट सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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