फिजियोथैरेपी – एक ओैषधिमुक्त चिकित्सीय पद्धति

0
23

फिजियोथेरेपी एक औषधि मुक्त शरीर निरोग रखने की पद्धति है। शारीरिक अंगों को सुचारू रूप से चलाने के लिए व रोगी की शारीरिक अक्षमताओं की जांच व ईलाज कर उनकी शारीरिक क्रिया में हो रही बाधा को दूर करने तथा आप्रेशन से पहले और बाद में शरीर को चुस्त-दुरूस्त करने के लिउ फिजियोथैरेपी की आवश्यकता सभी को होती है। रोग के कारण जिंदगी से हताश व्यक्ति के लिए फिजियोथेरेपी एक आशा की किरण है। लेकिन आज के युग में सभी अंग्रेजी दवाईयों पर निर्भर रहना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें भारी-भरकम न केवल खर्च करना पड़ता है बल्कि लम्बे समय तक इन्तजार भी करना पड़ता है और अन्त में फिजियोथेरेपी का सहारा लेने को मजबूर हो जाते हैं लेकिन उस समय तक उनकी शारीरिक क्षमता काफी न्यून हो जाती है। फिजियोथेरेपी के बारे में जागरूकता न होना इसका एकमात्र कारण है।


समाज जागरूक बने, प्रत्येक नागरिक अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहे, सचेत रहे और अन्य लोगों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करे – इस उद्देश्य को लेकर दिव्ययोग रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट ने पूर्व की भान्ति इस बार भी आम जनता के लिए शिमला के उपनगर न्यू टूटू के दिव्य कुन्ज में “दिव्य फिजियोथैरेपी क्लिनिक” की स्थापना कर आम जनता को एक अनूठी सौगात दी है। इस क्लिनिक में “नो प्रोफिट नो लॅास” पर फिजियोथैरेपी की सुविधा आधुनिक मशीनों से अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा दी जा रही है। इस सैंटर में बहुत ही कम चार्जिज पर होम विजिट की भी सुविधा दी जा रही है। जनता की सुविधा के लिए हेल्पलाईन फोन 0177-2838001 और मोबाईल नम्बर 7814433221 उपलब्ध किए गए हैं।


दर्द से छुटकारा पाने के लिए दवा लेना ही काफी नहीं होता। इसके अलावा भी कई थैरेपियां हैं जो बिना दवा के भी आपको दर्द से मुक्ति दिला सकती हैं। फिजियोथेरेपी एक ऐसी ही थेरेपी है। फिजियोथेरेपी को फिजिक्स ट्रीटमेंट भी कहते हैं। यह मेडिकल सांईस की ही एक शाखा है। इसमें उपचार की एक अलग पद्धति होती है जिसमें एक्सरसाईज, हाथों की कसरत, पेन रिलीफ मूवमेंट के द्वारा दर्द को दूर किया जाता है। इस थैरेपी का उद्देश्य रोग के कारण को जानकर उस रोग से रोगी को मुक्त करना होता है।


इसमें कई प्रकार से हीट के द्वारा रोगी का उपचार किया जाता है। मशीनों का उपयोग करके उपचार किया जाता है। फिजियोथेरेपी में हॉट पैक, आईस पैक और हाइड्रोथेरेपी का भी इस्तेमाल होता है। फिजियोथेरेपी स्वास्थ्य की कई समस्याओं में कारगर साबित हुई है। जोड़ों और हड्डियों के साथ-साथ हृदय और मस्तिष्क को भी फिजियोथेरेपी स्वस्थ रखती है।


सर्वाइकल स्पॉनडिलाइटिस, लम्बर स्पॉनडिलाइटिस, प्रोलैपस्ड इनवर्टिब्रल, डिस्क कोलैप्स, सर्वाइकल नेक पैन, पेरिआर्थराइटिस ऑफ शेल्डर ज्वाइंट-फ्रोजन शेल्डर, ऑस्टियो अर्थराटिस ऑफ नी ज्वाइंट – गठिया, मोच, तनाव, बेल्स पॉल्सी – चेहरे का लकवा, कार्डियोपल्मोनरी समस्याएं, गर्दन, पीठ और कमर दर्द, मांस-पेशियों का असंतुलन, जोडों की दर्दें, मानसिक शांति, दर्द से राहत देने में यह थेरेपी कारगर होती है। गर्भ धारण में समस्या होना, मां बनने के बाद और कई अन्य समास्याओं में भी फिजियोथेरेपी करवाना लाभप्रद रहता है। मानसिक तनाव, घुटनों, पीठ और कमर दर्द जैसे कई रोगों के लिए बिना कोई दवाई खाए या आप्रेशन करवाए फिजियोथेरेपी एक उत्तम ईलाज है। अनुभवी फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा दी जाने वाली थैरेपी का चुनाव रोग, रोगी की स्थिति और उम्र देखकर किया जाता है। फिजियोथेरेपी के उपचार से स्ट्रोक, मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंगसंस रोग, सेरेब्रल पाल्सी और रीढ़ की हड्डी की चोट जैसे न्यूरोलॉजिकल विकारों वाले मरीजों को बहुत फायदा होता है।

लम्बे समय तक एक ही स्थिति में कुर्सी पर बैठे रहने, खेल या अन्य किसी कारण अंदरूनी खिंचवा या जख्मों की हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा लेने की सलाह डाक्टर भी देते हैं। रोग ही नहीं बल्कि स्वयं को एक्टिव रखने के लिए भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकता लेनी चाहिए।
आज के युग में लोग बीमारी का ईलाज करने के लिए दवाईयों को प्रयोग कम से कम करना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने फिजियोथेरेपी की ओर रूख किया है। फिजियोथेरेपी से शरीर के अंगों को दवाईयों के बिना ही ठीक किया जाता है। यह थैरेपी न केवल कम खर्चीली है बल्कि इसके कोई साईड इफेक्ट भी नहीं होते हैं।


लम्बे समय तक एक ही स्थिति में कुर्सी पर बैठे रहने, खेल या अन्य किसी कारण अंदरूनी खिंचवा या जख्मों की हीलिंग के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सेवा लेने की सलाह डाक्टर भी देते हैं। रोग ही नहीं बल्कि स्वयं को एक्टिव रखने के लिए भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकता लेनी चाहिए।

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here