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हिमाचल सरकार में ढाई साल बाद हुए मंत्रिमंडल फेरबदल में राजधानी शिमला से विधायक और कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज को साल 2022 में होने वाले चुनाव के लिए मजबूत किया गया है। सुरेश भारद्वाज से शिक्षा विभाग लेकर उन्हें अब शहरी विकास विभाग, टीसीपी और हाउसिंग जैसे बड़े महकमे देकर शहरी क्षेत्रों के वोट बैंक को और अधिक मजबूत करने की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहते हुए सुरेश भारद्वाज ने कई बेहतर काम किए हैं।
भाजपा के स्वर्णिम दृष्टि पत्र में शिक्षा विभाग से जुड़ी 26 घोषणाओं में से 20 घोषणाओं को ढाई साल में लागू कर दिया गया। ढाई साल का अधिकांश समय शिक्षकों के तबादलों से जुड़ी फाइलों में बिताने के बावजूद भारद्वाज ने शिक्षा क्षेत्र में बेहतर योगदान दिया है। शिमला शहर से विधायक होने के चलते सिर्फ शिक्षा विभाग के बलबूते साल 2022 के चुनाव मैदान में उतरने को लेकर भारद्वाज समर्थक असहज से ही दिखते रहे हैं। दबी जुबान से इनके समर्थक बीते एक साल से शहरी विकास विभाग की मांग करते सुने गए हैं।
वह लगातार शिमला नगर निगम के कामकाज में दखल देते थे। अब मुख्यमंत्री ने भी ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव पर नजर रखते हुए भारद्वाज को शहरी क्षेत्र से जुड़े विभाग देकर नवाजा है। राजधानी शिमला और धर्मशाला को स्मार्ट सिटी के तौर पर चुना गया है। इन दोनों शहरों का स्वरूप बदलना अब भारद्वाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उधर भारद्वाज को सौंपे गए विभागों को बीते ढाई साल से देख रहीं मंत्री सरवीन चौधरी अब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का जिम्मा संभालेंगी।