हिमाचल प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी एचपीशिवा परियोजना राज्य के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों के कई गांवों में फलदार पौधों की बहार ला रही है। केवल गेहूं, मक्की और धान इत्यादि परंपरागत फसलों की पैदावार करने वाले ये गांव भी अब एचपीशिवा परियोजना के कारण बागवानी की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इन गांवों की सूची में अब जिला हमीरपुर का एक गांव झिंझकरी भी जुड़ने जा रहा है।
एचपीशिवा परियोजना की मदद से झिंझकरी गांव के लगभग 27 किसानों की करीब एक हैक्टेयर भूमि पर इस सीजन में अमरूद के पौधों की रोपाई शुरू कर दी गई है। पौधारोपण के लिए जमीन तैयार करने और बाड़बंदी से लेकर पौधारोपण और सिंचाई के प्रबंध तक का सारा कार्य एचपीशिवा परियोजना के माध्यम से मुफ्त किया जा रहा है।
गांव के प्रगतिशील किसान हेमराज का कहना है कि एचपीशिवा परियोजना ने गांववासियों के लिए एक नई राह दिखाई है। https://tatkalsamachar.com/nahan-news-harshvardhan-chauhan/ उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग और एचपीशिवा परियोजना के अधिकारियों ने गांव के किसानों को परियोजना के तहत मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी और इसका भरपूर लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
एचपीशिवा परियोजना की जानकारी प्राप्त करने के बाद हेमराज सहित गांव के कुल 27 किसानों ने अपनी जमीन पर अमरूद का बागीचा लगाने का निर्णय लिया। इसके बाद जमीन का समतलीकरण का कार्य, बाड़बंदी और गांव के चैक डैम से सिंचाई का प्रबंध परियोजना के माध्यम से किया गया। यहां इस सीजन में अमरूद के पौधों का रोपण भी शुरू कर दिया गया है।
उधर, उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया कि एचपीशिवा परियोजना के तहत जिला हमीरपुर में 65 क्लस्टरों की 834 हैक्टेयर भूमि पर फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। https://youtu.be/9VFIkLCAp7M?si=R2p9OBBn9gHxGWy9 इसी कड़ी में गांव झिंझकरी में भी लगभग एक हैक्टेयर भूमि पर अमरूद का बागीचा लगाने के लिए जमीन तैयार करके इसी सीजन में पौधारोपण भी आरंभ कर दिया गया है।
अब वह दिन दूर नहीं हैं, जब जिला हमीरपुर का छोटा सा गांव झिंझकरी भी अमरूद के बागीचे से गुलजार होगा।