डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज हमीरपुर की प्रधानाचार्य डॉ. सुमन यादव ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा है कि मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में कोविड वार्ड ने काम करना शुरू कर दिया है और क्षेत्र के कोविड रोगियों को गहन देखभाल प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज 16 मई, 2021 को कोविड वार्ड में कुल 26 मरीजों का इलाज चल रहा है। दो मरीज वेंटिलेटर पर हैं और 24 मरीज एनआरएम पर हैं। यह वार्ड बीमार कोविड रोगी के लिए जीवन रक्षक बन गया है और ऐसे गंभीर रोगियों को गहन देखभाल व उपचार प्रदान कर रहा है। पहले इन्हें डीसीएच नेरचौक भेजा जाता था, मगर अब वहां का बोझ भी कम हो गया है। इसके संचालन के एक सप्ताह के भीतर ही यह लगभग अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पीएसए संयंत्र को अधिकृत कंपनी द्वारा नियम एवं शर्तों के अनुसार स्थापित किया गया है। 29 अप्रैल, 2021 को प्रमाणन प्रयोगशाला से प्राप्त ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की शुद्धता की परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार यह 93.87 थी। उन्होंने कहा कि मैनिफोल्ड और गैस पाइपलाइन सिस्टम लोक निर्माण विभाग द्वारा स्थापित किए गए हैं। पीएसए संयंत्र और गैस पाइपलाइन प्रणाली दोनों संबंधित निष्पादन एजेंसियों की वारंटी और एएमसी के अधीन हैं।
डॉ. सुमन यादव ने कहा कि ऐसी परियोजनाओं को सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और सहभागिता के बिना पूरा नहीं किया जा सकता है। यह परियोजना कई टीमों और अधिकारियों के महीनों की योजना और श्रमसाध्य कार्य का भी परिणाम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व और जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी इस परियोजना के पीछे प्रेरक शक्ति रही है। इस परियोजना का संचालन यह सुनिश्चित करने के बाद किया गया है कि सभी लॉजीस्टिक, मानव-शक्ति, सुविधाएं, उपकरण और मशीनरी सही जगह पर काम करने की स्थिति में हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि इस कोविड वार्ड में मरीजों के प्रबंधन में एनेस्थीसिया, मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स और प्रसूति एवं स्त्री रोग के विशेषज्ञों की एक टीम शामिल है। चिकित्सा अधीक्षक और अस्पताल प्रशासक की देख-रेख में तकनीकी व्यक्तियों की एक टीम वर्तमान समस्याओं और पीएसए संयंत्र और कोविड वार्ड के समुचित कार्य को सुनिश्चित करने के लिए गठित की गई है।
उधर, डॉ. राजकीय मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी एसोसिएशन (एफएएमसी-हमीरपुर) ने बताया है कि सभी फैकल्टी सदस्य इस परियोजना में शामिल थे और किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण को परियोजना के किसी भी चरण में होने वाली किसी भी गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जिसे सक्षम प्राधिकारी की त्वरित प्रतिक्रिया के उपरांत ठीक किया गया है। एसोसिएशन ने दोहराया कि यह किसी भी संकाय और अधिकारियों के लिए बहुत ही मनोबल गिराने वाला है जो इस युग में कोविड रोगियों की देखभाल और प्रबंधन में पूर्ण समर्पण और सेवा भावना के साथ काम कर रहे हैं।