Shimla News : फॉरेंसिक सेवाएं निदेशालय में जैविक नमूनों के संग्रह और संरक्षण पर कार्यशाला आयोजित

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Workshop on Collection and Preservation of Biological Samples organised at Directorate of Forensic Services

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिला के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 43.64 करोड़ रुपये की लागत की 10 विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास किए।
उन्होंने करोट में 20.18 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल का शिलान्यास किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने करोट ग्राम पंचायत में 1.42 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सलघूण-घट्टा उठाऊ जल आपूर्ति योजना, 86 लाख रुपये की लागत से निर्मित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठेड़ा के अतिरिक्त भवन एवं पुस्तकालय, 1.78 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सुजानपुर टिहरा में चिकित्सकों के लिए आवास, 1.42 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सुजानपुर में पैरा-मेडिकल स्टाफ के लिए सरकारी आवास तथा 1.25 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पौंच में विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने 5.45 करोड़ रुपये की लागत से वार्ड नंबर-4 डोलीहिमाचल प्रदेश फॉरेंसिक सेवाएं निदेशालय, जुन्गा, जिला शिमला ने आज डीएनए प्रोफाइलिंग और फॉरेंसिक विषाक्त विज्ञान के लिए जैविक नमूनों के संग्रह और संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन को किया। यह कार्यशाला प्रदेश के विभिन्न जिलों के चिकित्सा अधिकारियों के लिए आयोजित की गई, ताकि जैविक एवं भौतिक साक्ष्यों को डीएनए प्रोफाइलिंग और फॉरेंसिक टॉक्सीकोलॉजी के रासायनिक परीक्षण के लिए एकत्रित किए जा सके।

फॉरेंसिक सेवाएं निदेशालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में पिछले वर्ष आयोजित हिमाचल प्रदेश फॉरेंसिक विकास बोर्ड की बैठक में फॉरेंसिक विज्ञान से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई थी तथा आज की कार्यशाला भी इस कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित की गई।

निदेशक फॉरेंसिक सेवाएं डॉ. मीनाक्षी महाजन ने कार्यशाला के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज के युग में डीएनए की महता बहुत बढ़ गई है इसलिए चिकित्सा अधिकारियों द्वारा हत्या एवं बालात्कार जैसे संगीन मामलों में साक्ष्यों को एकत्रित एवं संरक्षित करके अन्वेषण अधिकारियों को सौंपना एक अहम जिम्मेदारी बन गई है।https://tatkalsamachar.com/hamirpur-news-sujanpur-developmental उन्होंने कहा कि चिकित्सा अधिकारियों को जघन्य अपराधों से संबंधित मामलों में नवीनतम जानकारी होना आवश्यक है।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में फॉरेंसिक की अलग-अलग विशिष्टताओं से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर पुलिस अन्वेषण अधिकारियों, चिकित्सा अधिकारियों, अभियोजन अधिकारियों तथा नए भर्ती हुए जजों के लिए समय-समय पर आयोजित की जाती हैं ताकि अपराधिक चांच और न्यायायिक विज्ञान के मानकों की जानकारी दी जा सके।

उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय नागारिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) कानून की धारा 176(3) के अनुसार जिन आपराधिक मामलों में 7 साल की सजा का प्रावधान है उनमें फॉरेंसिक विशेषज्ञों का घटना स्थल का दौरा और साक्ष्य एकत्रित करना आवश्यक कर दिया गया है। कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश के चिकित्सा अधिकारियों को अपराध संबंधित बारिकियों से अवगत करवाया गया। में सुजानपुर बस अड्डा, 8.37 करोड़ रुपये की लागत से ग्राम पंचायत भेरडज्ञ में बक्कर खड्ड से थलाम्बर गांव तक सम्पर्क मार्ग, 24 लाख रुपये की लागत से तहसील सुजानपुर के चबूतरा में विभिन्न गांवों के लिए उठाऊ जल आपूर्ति योजना तथा 2.67 करोड़ रुपये की लागत से नियुड़ से टिक्करी वाया धारली सम्पर्क मार्ग के शिलान्यास किए।

उन्होंने कहा कि ये विकासात्मक परियोजनाएं सुजानपुर क्षेत्र के लोगों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में मीलपत्थर साबित होंगी।

विधायक कैप्टन राणजीत सिंह राणा ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

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