एक काले शख्स की पुलिस हिरासत में मौत से तमाम अमरीकी ग़ुस्से में हैं. व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं.
कई जगहों पर इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है और प्रशासन को राजधानी वॉशिंगटन समेत कई बड़े शहरों में रात्रि कर्फ्यू तक लगाना पड़ा है.
विरोध प्रदर्शनों के कारण कम से कम 40 शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, लेकिन इसके बाद भी लोग सड़कों पर उतर रहे हैं.
ज़ाहिर है इन प्रदर्शनों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चिंचा भी बढ़ा दी है.
ट्रंप ने बढ़ती हिंसा पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर राज्यों के गवर्नर हालात पर क़ाबू पाने में विफल रहे तो शांति स्थापित करने का काम सेना को सौंपा जाएगा.
यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ़्लायड की मौत को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों की आड़ में एंटीफ़ा ने दंगे भड़काए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि फ़ासीवाद विरोधी समूह एंटीफ़ा को आतंकवादी संगठन घोषित किया जाएगा.
इस बीच, अमरीका के एक प्रमुख शहर ह्यूस्टन के पुलिस प्रमुख आर्ट अक्वेडो का एक बयान भी सुर्खियों में आ गया है. एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुप रहने की नसीहत दे डाली.
अक्वेडो का कहना था, “मैं इस देश के पुलिस प्रमुखों की तरफ़ से अमरीकी राष्ट्रपति से कहना चाहता हूँ कि अगर आप कोई ढंग की बात नहीं कर सकते तो अपना मुंह बंद रखिए.”
अक्वेडो ने कहा, “आप साल 2020 में लोगों को ख़तरे में डाल रहे हैं. यह समय लोगों के दिल जीतने का है ना कि उन्हें धमकाने का. पूरे देश में पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं, लोग घायल हुए हैं. ऐसे में हमें नेतृत्व की ज़रूरत है, लेकिन नेतृत्व हमें दुखी कर रहा है. आप एक राष्ट्रपति हैं और उसके लिहाज़ से फ़ैसले लीजिए. यह हॉलीवुड नहीं है. यह असली जीवन है और यह ख़तरे में है.”