डीआरडीए के सभागार में आज जिला स्तरीय क्षय रोग पर एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त उपायुक्त डाॅ अमित कुमार शर्मा ने की। उन्होंने बताया कि क्षय रोग एक संक्रामक रोग है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को आसानी से फैल सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी का शत प्रतिशत इलाज संभव है और सभी दवाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में फ्री उपलब्ध हैं।
डॉट्स प्रोवाइडर के माध्यम से मरीज की सुविधानुसार घर-द्वार पर इलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंनेे बताया कि टीबी के सबसे कम मामलों में जिला ऊना देश भर में नौंवे पायदान पर है। उन्होंने बताया की जिला ऊना क्षय रोग विभाग के द्वारा क्षय रोग के मरीजों को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जा रहा है जिनमें निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपये प्रति माह, मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के तहत सभी प्रतिरोधी दवाएं व मरीजों को 1500 रुपए अतिरिक्त सहायता दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त एक ओर जहाँ क्षय रोग की जाँच निःशुल्क उपलब्ध है वहीं दूसरी और क्षय रोगी का उपचार व् अन्य जाँच भी निशुल्क प्रदान की जा रही है वहीं क्षय रोगी 99 डॉट्स के माध्यम से अपने घर द्वार पर उपचार की सुविधा भी ले सकता है। एडीसी ने कहा की क्षय रोग एक समाजिक व आर्थिक खतरा है जिसको कोई भी सरकार एवं विभाग अकेले तब तक उन्मूलित नहीं कर सकते जब तक समाज की सहभागिता न हो।
उन्होंने कहा की अन्य विभाग भी अपने कार्यों के साथ साथ क्षय रोग उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मिल कर कार्य करें ताकि क्षय रोग को भारत सरकार द्वारा निर्धारित 2025 के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा की एक व्यक्ति अपने स्तर पर क्षय रोग को नियंत्रित करने के लिए खांसी के शिष्टाचार का पालन करना, लम्बे समय की खांसी को नजर अंदाज न करना व अपने बलगम की जाँच शीघ्र अति-शीघ्र करवा कर अपनी सहभागिता को क्षय रोग उन्मूलन में दर्ज करवा सकता है।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को उद्योग विभाग व नगर पंचायतों से समन्वय स्थापित कर उद्योगों व व्यवसायिक संस्थानांे के मालिकों के साथ एक कार्यशालाएं आयोजित कर क्षय रोग के प्रति जागरुक किया जाए ताकि कोई क्षय रोग संभावित कामगार प्रभावित न हो।इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्षा नीलम कुमारी, जिला परिषद के उपाध्यक्ष कृष्ण पाल शर्मा, सीएमओ डाॅ रमण कुमार शर्मा, जीएम इंडस्ट्री अंशुल धीमान, क्षय रोग प्रभारी डाॅ अजय अत्री, जिला पंचायत अधिकारी तिलक राज, डाॅ पीएस राणा, शारदा सारस्वत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।