शिमला : प्रदेश सहित देश में कोरोना वैक्सीन की कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्षों ने आज जिला उपायुक्त के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा.

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Shimla: Expressing concern over the lack of corona vaccine in the country including the state, the district presidents of the Congress Committee today submitted a memorandum to the President of India through the District Deputy Commissioner.
जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्षों ने आज प्रदेश सहित देश में कोरोना वैक्सीन की कमी पर चिंता प्रकट करते हुए जिला उपायुक्त के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया, जिसमें देश मे समयबद्ध वेक्सिनेशन की मांग करते हुए इसे पूरी तरह सभी को निशुल्क करने की मांग की गई है।शिमला में जिलाध्यक्ष ग्रामीण यशवंत सिंह छाजटा व शहरी अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से आज यहां उपायुक्त को उनके कार्यालय यह ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान उनके साथ पूर्व विधायक आदर्श सूद व सुरेश नागटा भी विशेष तौर पर उपस्थित थे।इसी प्रकार सोलन,किन्नौर, बिलासपुर, मंडी, में जिलाध्यक्षों ने उपायुक्तों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिये, जबकि शेष जिलों में कोरोना अबकाश के चलते सोमवार को यह ज्ञापन देंगे।ज्ञापन में कोविड़ 19 से देश के नागरिकों व उनके परिवार की अप्रत्याशित तबाही एवं पीड़ा का उल्लेख करते हुए केंद्र की मोदी सरकार की विफलता और सरकार को इसके आपराधिक कुप्रबंधन का दोषी ठहराया गया है।ज्ञापन में कहा गया है कि आज उग्र कोविड़ 19 महामारी के बीच वेक्सिनेशन ही एकमात्र सुरक्षा है।

मोदी सरकार की बेकसिनेशन रणनीति भारी भूलों का एक खतरनाक कॉकटेल है।सरकार ने वेक्सिनेशन की योजना बनाने में अपना कर्तव्य ही भूला दिया।ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर एक डिजिटल डीवाईड पैदा किया जिससे वेक्सिनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई।केंद्र सरकार ने विभिन्न कीमतों के स्लैब बनाने में जानबूझकर मिलीभगत की,यानी एक वैक्सीन के लिए अलग अलग कीमतें तय की,ताकि आम आदमी से आपदा में लूट की जा सकें।ज्ञापन में कहा गया है कि अन्य देशों ने मई 2020 में वैक्सीन खरीद के ऑर्डर दिए थे जबकि मोदी सरकार ने इस वैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया। जनपटल पर मौजूद जानकारी के अनुसार मोदी सरकार व इनकी भाजपा शासित राज्यों सरकारों ने देश की 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए आजतक केवल 39 करोड़ वैक्सीन का ही ऑर्डर दिया है।ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार के अनुसार 31 मई 2021 तक केवल 21.31 करोड़ ही वैक्सीन लगाई गई है जबकि वैक्सीन की दोनों खुराकें 4.45 करोड़ भारतीयों को ही मिली है जो कुल आबादी का केवल 3.17 प्रतिशत ही है।

पिछले 134 दिनों में वेक्सिनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन रही है,और अगर यही गति रहती है तो देश मे इस कार्य को पूरा करने में तीन साल से अधिक का समय लग जायेगा। कहा गया है कि इस विक्राल महामारी के बीच हमारे देश के नागरिक कोरोना से संक्रमित हो रहें है और मोदी सरकार वैक्सीन निर्यात करने में व्यस्त है।भाजपा सरकार  अबतक 6.63 खुराक निर्यात कर चुकी है जो देश का सब से बड़ा नुकसान है।ज्ञापन में कहा गया है कि मोदी सरकार द्वारा वैक्सीन की अलग अलग कीमतें तय करना लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी का एक बड़ा उदाहरण है।

सिरस इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड की एक खुराक मोदी सरकार के लिये 150 रुपये, राज्यों सरकारों के लिए 300 रुपए और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये रखी गई है,जबकि भारत बायोटेक की कोबेक्सिन केंद्र के लिए व 150 रुपये, राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये व निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपये रखी गई है जबकि निजी अस्पताल इसके 1500 रुपये बसूल रहें है।उन्होंने इसे पूरी तरह निशुल्क करने व देश के 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों का वेक्सिनेशन कार्य जल्द पूरा करने की मांग की है,जिससे देश को समय रहते इस महामारी से बचाया जा सकें।

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