हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आज फेयरलॉन, हिप्पा में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए संवेदीकरण और क्षमता निर्माण विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर निदेशक शहरी विकास मनमोहन शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
कार्यशाला में शिमला जिला के शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित व नामित प्रतिनिधियों, कार्यकारी अधिकारियों, सचिवों और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर मनमोहन शर्मा ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित विभिन्न नियमों व प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रभावी कार्यान्वयन में देश भर में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और कई पुरस्कार भी जीते हैं। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 को लागू करने में सभी प्रक्रियाओं का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने कहा कि बोर्ड द्वारा राज्य में पर्यावरण कानूनों को विनियमित करने के लिए दृढ़ता से कार्य किया जा रहा है। https://www.tatkalsamachar.com/shimla-gst-system/ उन्होंने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी बल दिया।
शहरी विकास विभाग के परियोजना अधिकारी राजेंद्र चौहान ने ठोस अपशिष्ट के प्रभावी प्रबंधन तथा शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका और दायित्वों के निर्वहन बारे विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र नई दिल्ली के प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह, हीलिंग हिमालयाज़ फाउंडेशन के संस्थापक प्रदीप सांगवान और बोर्ड के पर्यावरणीय अभियंता चंदन कुमार सिंह ने भी विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी।