शिमला : 24 घंटे पानी की उपलब्धता,2035 तक उत्पन्न सीवेज से विश्व स्तरीय अपशिष्ट उत्पन्न – सुरेश भारद्वाज

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Shimla: 24 hour water availability, sewage generated by 2035 generates world class waste - Suresh Bhardwaj

शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अमरूत योजना के तहत शिमला नगर में चल रहे विभिन्न कार्यों में तेजी लाते हुए युद्ध स्तर पर पूर्ण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने आज अमरूत योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। 
उन्होंने शिमला नगर के लिए 24 घंटे पानी की उपलब्धता के लिए चल रही योजना के तहत संजौली के पांच वार्डों में चल रहे विभिन्न कार्यों में तेजी लाने के लिए सतलुज जल प्रबंधन निगम लिमिटिड के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों को गति प्रदान करते हुए माह जुलाई तक इसे पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को सुविधा प्रदान की जा सके। मंत्री ने कहा कि शिमला में 24 घंटे पानी देना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के पहले  चरण में संजौली के पांच वार्डों के लिए पानी आयेगा।  मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस योजना को जुलाई अंत तक पूरा करें। इस प्रकल्प की अनुमानित लागत 21 करोड़ रुपये है।
उन्होंने गिरी पम्प हाउस में ट्यूब सैटरर जल्द लगवाने के निर्देश दिए। उन्होंने सतलुज जल प्रबंधन निगम लिमिटिड के अधिकारियों को कहा कि यह ट्यूब सैटलर जुलाई के अंत तक लगाना सुनिश्चित करें ताकि पानी में आने वाली गाद से लोगों को निजात मिल सके। 
उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निगम के अधीन अमरूत योजना में होने वाले विभिन्न कार्यों को भी जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संजौली बाईपास पर बन रहे फुट ओवर ब्रिज को दो महीने के भीतर पूर्ण करें। उन्होंने ओकओवर के समीप बन रहे पार्क को भी इसी अवधि के दौरान बनाकर पूर्ण करने को कहा। उन्होंने ढिंगु धार में पार्किंग निर्माण कार्य को भी आगामी अगस्त माह तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन कामों को पूरा करने के लिए किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतें तथा कार्य निर्देशित निश्चित अवधि में पूर्ण करें। 
इसके अतिरिक्त मंत्री ने बताया कि  गुम्मा और गिरी में प्रमुख पंपिंग मशीनरी को बदल दिया है जिससे बिजली पर वार्षिक खर्च पर 6.00 करोड़ रुपये की बचत हुई है।
एसजेपीएनएल 6 एसटीपी को नई एसबीआर तकनीक से अपग्रेड कर रहा है। यह 2035 तक उत्पन्न सीवेज से विश्व स्तरीय अपशिष्ट उत्पन्न करने में मदद करेगा। लागत 34.00 करोड़ रुपये है।इसके अतिरिक्त पीटरहॉफ और ढली में 7 एमएल और 10 एमएल क्षमता के दो प्रमुख जल भंडारण टैंकों का निर्माण कर रहा है। यह किसी भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए पानी का बफर स्टोरेज बनाएगा।बैठक में महापौर शिमला नगर निगम सत्या कौंडल, उप-महापौर शैलेन्द्र चैहान, आयुक्त नगर निगम आशीष कोहली तथा सतलुज जल प्रबंधन निगम लिमिटिड के अधिकारी उपस्थित थे। 

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