बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा मंत्री सुख राम चौधरी ने कहा कि रेणुकाजी बांध विस्थापितों के हितों को सुरक्षित रखना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है और उनके साथ कोई भी अन्याय नही होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उपचुनाव के मद्देनजर लगी चुनाव आचार संहिता के खत्म होने के बाद विस्थापितों तथा संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को बैठक के लिए शिमला बुलाया जाएगा ताकि उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि रेणुकाजी बांध परियोजना में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोज़गार मिले इसके लिए वह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से बात करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विस्थापितों को मुआवजा सम्बंधी पूरी जानकारी उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि रेणुकाजी बांध परियोजना एक राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश की राजधानी दिल्ली को पानी मुहैया करवाना है और इसके साथ-साथ 40 मैगावाट ऊर्जा का उत्पादन भी सुनिश्चित किया जाना है। इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा पर्यावरण मजुरी प्राप्त हो चुकी है तथा वन मंत्रालय से प्रथम चरण की मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है। इसकी तकनीकी मुल्याकंन समिति से अनुमति भी प्राप्त हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन एक तकनीकी तथा व्यवसायिक रूप से सक्षम संस्था है अब तक तक 281 मैगावाट बिजली का उत्पादन कर दिया है तथा 2024 तक 881 मैगावाट क्षमता के बिजली उत्पादन करने के लक्ष्य के प्रति अग्रसर है।
इस अवसर पर पूर्व विधायक रूप सिंह, मंडल अध्यक्ष सुनील शर्मा, निदेशक, कार्मिक एवं वित्त, हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटिड, प्रियंका वर्मा, निदेशक, सिविल, सुरेंदर कुमार, महाप्रबंधक रेणुकाजी बांध परियोजना, रूप लाल, उप महाप्रबंधक सुनील कुमार ठाकुर और संजीव कुमार, अध्यक्ष एपीएमसी रामेश्वर शर्मा, बलबीर चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।