कोरोना वायरस की वजह से आज पूरा विश्व परेशान है, और वित्तीय मार्केट पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा है. ऐसे में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) राइट्स इश्यू लेकर आई है. इसमें शेयरधारकों को हर मौजूदा 15 शेयरों पर 1257 रुपये के भाव से एक शेयर ऑफर किया जाएगा. इस 1257 रुपये के शेयर प्राइस में से सब्सक्रिप्शन के समय केवल 25 प्रतिशत पैसा देना होगा, और इतनी ही रकम मई 2021 में देनी होगी. बाकी 50 प्रतिशत रकम नवंबर 2021 में चुकानी होगी. किश्तों में होने की वजह से अब बाजार में दो तरह के रिलायंस शेयर दिखाई देंगे, एक पूर्णत: चुकता और दूसरे आंशिक भुगतान वाले शेयर.
राइट्स इश्यू आखिर है क्या?
शेयर बाजार में लिस्टेड कोई भी कंपनी पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लेकर आती है. राइट्स इश्यू के जरिए कंपनी अपने शेयरधारकों को अवसर देती है कि वह अतिरिक्त शेयर खरीद सकें. राइट्स इश्यू के तहत शेयरधारकों के पास सिर्फ निश्चित अनुपात में ही अतिरिक्त शेयर खरीदने का विकल्प रहता है. यह अनुपात कंपनी ही तय करती है. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर कंपनी राइट्स इश्यू के लिए 1:4 का अनुपात तय करती है तो शेयरधारक के पास पहले से उसके पास मौजूद हर 4 शेयर पर 1 अतिरिक्त शेयर खरीदने का ही विकल्प होगा. राइट्स इश्यू के लिए समय का ऐलान कंपनी ही करती है. वह तय अवधि में ही वह निवेशकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है.
बीते एक साल में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर्स ने 10 फीसदी का रिटर्न डिलीवर किया है. वहीं, जियो प्लेटफॉर्म्स ने 78,562 करोड़ रुपये स्ट्रैटिजिट और लीडिंग टेक्नोलॉजी इन्वेस्टर्स के जरिए जुटाए हैं. इस पेमेंट सिस्टम ने राइट्स इश्यू में RIL शेयर्स के स्वामित्व की लागत को घटाया है और इसे 1,257 रुपये से 1,184 रुपये तक पहुंचाया है. यह पूंजी की लागत का लगभग 6 फीसदी है.
एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड में डीवीपी इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट ज्योति रॉय कहती हैं, “इस वक्त, RIL भारत में डिजिटल और रिटेल बिजनेस का मार्केट लीडर है. ये दो सेगमेंट्स अगले दो साल में कंपनी को आगे बढ़ाने में अहम होंगे. और अब अब कंपनी जियो मार्ट के जरिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रही है. ऐसे में शेयरहोल्डर्स के लिए लॉन्ग रन में यह वैल्यू क्रिएटर साबित होगी.”
जब मार्केट में RIL को लेकर ऐसी एक्सपेक्टेशंस हैं तो राइट्स इश्यू खरीदने का मौका भला कोई क्यों छोड़ेगा? राइट्स इश्यू पर इन्वेस्टर्स अभी से ध्यान लगाए बैठे हैं. बता दें कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले क्वार्टर में, कंपनी का ध्यान कैपिटल रेजिंग को 1.04 लाख करोड़ करने का है. इसमें जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक का निवेश भी शामिल है. इससे पहले 2019-20 में ब्रिटिश पेट्रोलियम भी कंपनी में निवेश कर चुकी है.