Rajneesh Mahajan: वन्य जीव तस्करी गिरोह से जुड़े अपराधियों को भेजा न्यायिक हिरासत- रजनीश महाजन।

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Criminals associated with wildlife smuggling gang sent to judicial custody – Rajneesh Mahajan.

वन मंडल डलहौजी के अंतर्गत  गत 27 मई को  गिरफ्तार अपराधियों को रिमांड व जांच पूरी होते ही चंबा जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह जानकारी डीएफओ डलहौजी रजनीश महाजन ने दी है उन्होंने बताया कि  27 मई 2024 को डलहौजी शहर से 25 किलोमीटर दूर तुनुहटटी वन चेक-पोस्ट पर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने चार लोगो को गिरफ्तार करके वन्यजीव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया था तथा उनसे भारी मात्रा में जंगली जानवरों के शरीर के अंग व दो जीवित सांप जब्त किए थे।

  रजनीश महाजन ने बताया  कि जब्त किए गए जानवरों में 25 सियार/गीदड़ सिंघी, मॉनिटर छिपकली के आठ हथजोड़ी , मॉनिटर छिपकली के 13 पंजे, चार सांप की खोपड़ी, आठ सांप की रीढ़ की हड्डी के टुकड़े , 11 शैल के कांटे और फ्लैप शेल कछुए का एक खोल शामिल थे। 

इसके अलावा, उनके कब्जे से सांप की खाल का एक डिब्बा, 40 सिवेट कैट के पंजे और दो जीवित सांप-एक स्पेकटेकलड कोबरा और एक इंडियन  सैंड बोआ  बरामद किया गया। https://tatkalsamachar.com/71-percent-people-voted/ उन्होंने जानकारी दी कि बरामद की गई वस्तुओं का कथित तौर पर काले जादू की रस्मों में इस्तेमाल किया जाता है तथा ये जीव पर्यावरण के दृष्टि से अमूल्य है। रजनीश महाजन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो कांगड़ा जिले के नूरपुर शहर के पास जस्सूर के गाँव छ्तरोली के रहने वाले हैं और दो पंजाब के लुधियाना  के हैं जिन्हें नियमित जांच के दौरान दो बाइकों पर चंबा जाते समय पकड़ा गया था।

  उन्होंने ने बताया कि पूरे मामले की तहकीकात के लिए सहायक अरण्यपाल वन विभाग रवि गुलरिया को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया और अपराधियों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। इसके पश्चात उन्हें तीन दिन के फारेस्ट रिमांड पर भेजा गया। https://www.youtube.com/watch?v=-9-7XXsBeK0 डीएफओ डलहौजी ने बताया कि रिमांड व जांच पूरी होते ही चारों अपराधियों को चंबा जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि अपराधियों से पकड़े गए जंगली जानवर श्रेणी एक के वन्य जीव हैं तथा उनकी पशुपालन विभाग द्वारा फिटनेस जांच करवाने के पश्चात न्यायालय की अनुमति से उन्हें वन क्षेत्रों में छोड़ दिया गया है जहां से वे पकड़े गए थे। वन मंडल अधिकारी ने बताया कि वन्य जीवों व उनके अंगो की तस्करी करना एक बहुत बड़ा  दंडनीय अपराध है तथा इस का पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । उन्होंने लोगो से अपील की है कि वह वन्य जीव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना वन विभाग के अधिकारियों से सांझा करें।

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