मास्क में सबसे बेहतर एन-95:सिर्फ वाॅल्व वाले एन-95 मास्क नहीं हैं सेफ

0
16

कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में मास्क सबसे बड़ा हथियार बनकर सामने आया है। सीडीसी, WHO जैसी कई स्वास्थ्य संस्थाएं लोगों से मास्क पहनने की अपील कर रही हैं। भारत में भी सरकार ने मास्क पहनाना अनिवार्य किया हुआ। लेकिन, केंद्र सरकार की नई एडवाइजरी से हर कोई हैरान है। दरअसल, सरकार ने कहा है कि एन-95 मास्क सुरक्षित नहीं है। यह वायरस को रोकने में सफल नहीं है।

लेकिन, यह वही एन-95 मास्क है, जो कोरोना के शुरू होते ही दुनिया में सबसे पहले और सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है। आज भी दुनिया के तमाम देशों में एक्सपर्ट्स इस मास्क को सबसे ज्यादा सुरक्षित बता रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, एन-95 मास्क 0.3 माइक्रॉन्स के आकार के ड्रॉपलेट्स को 95% तक रोक सकता है। जबकि कपड़े का मास्क 1 माइक्रॉन्स के आकार के ड्रॉपलेट्स को 69% तक सही रोकता है। कोरोना के ड्रॉपलेट्स का आकार 0.6 से 5 माइक्रॉन्स तक होता है। 

एन- 95 मास्क दो तरह के होते हैं

  • वाॅल्व लगे मास्क
  • बिना वाॅल्व वाले मास्क

केंद्र सरकार ने वाॅल्व लगे एन-95 मास्क को पहनने से रोका है। सभी एन-95 मास्क को नहीं। हां, यह जरूर कहा है कि अधिकृत स्वास्थ्य कर्मियों की जगह आम लोग एन-95 मास्क का अनुचित इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे नहीं करना चाहिए।

एन-95: यह मास्क सिंगल यूज होते हैं और पॉलिएस्टर और दूसरे सिंथेटिक फाइबर्स से बने होते हैं- 

  • यह मास्क छोटे पार्टिकल्स (0.3 माइक्रॉन्स) को करीब 95% तक रोक लेता है। आमतौर पर इतने छोटे कणों को रोकना बेहद मुश्किल होता है। इंसान के औसत बाल का आकार 70 से 100 माइक्रॉन्स चौड़ा होता है।
  • यह मास्क सिंगल यूज होते हैं और पॉलिएस्टर और दूसरे सिंथेटिक फाइबर्स से बने होते हैं। इसमें फाइबर की एक लेयर होती है जो फिल्टर का काम करती है। यह कणों को रोकते हैं।
  • इस मास्क में यह पक्का कर लें कि आपकी स्किन और मास्क में कोई गैप नहीं होना चाहिए। इसमें एक नोज-पीस होता है जो चेहरे के आकार के हिसाब से ढल सकता है। 
  • कई हेल्थ केयर वर्कर्स सालाना फिटिंग टेस्ट कराते हैं, जिसमें एयर लीकेज की जांच होती है और मास्क का साइज फिट हो जाए। अगर आपके चेहरे पर दाढ़ी है तो यह ठीक से फिट नहीं होगा। यह मास्क बच्चों के चेहरे पर भी फिट नहीं होते।
  • कुछ एन- 95 मास्क में सामने एक्सलेशन वाॅल्व होते हैं, जिससे सांस लेने में आसानी होती है। यह मास्क आमतौर पर कंस्ट्रक्शन में उपयोग होते हैं। 
  • वाॅल्व वाले मास्क हॉस्पिटल के ऑपरेशन रूम जैसी जगहों में उपयोग नहीं करने चाहिए। ऐसे में यह आपके सांस लेने पर दूसरों की सुरक्षा नहीं करता है।

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here