प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मणिपुर वाॅटर सप्लाई प्रोजेक्ट की नींव रखी। मोदी ने कहा- कोरोना के खिलाफ हमें मजबूती से लड़ते रहना है, जीतना है। इसके साथ ही विकास के कामों को भी पूरी ताकत से बढ़ाना है। नॉर्थ-ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है।
प्रधानमंत्री के भाषण की 8 बड़ी बातें
1. दोहरी चुनौती
पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत को दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है। भारी बारिश से काफी नुकसान हो रहा है। अनेक लोगों की मृत्यु हुई है। कई लोगों को घर छोड़ने पड़े हैं। भारत सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर जरूरतें पूरी करने की लगातार कोशिश कर रही है। मणिपुर में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार दिन-रात जुटी हुई है। लॉकडाउन में लोगों को वापस लाने समेत राज्य सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए। संकट के इस समय गरीबों की इसी तरह मदद करनी है।
2. जलधारा के साथ जीवनधारा भी
मणिपुर के लाखों साथियों के लिए विशेषकर बहनों के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। राखी का त्योहार आने वाला है, उससे पहले मणिपुर की बहनों को यह बहुत बड़ी सौगात की शुरुआत होगी। 3,000 करोड़ की लागत से पूरे होने वाले वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट से यहां के लोगों को पानी की दिक्कतें कम होंगी। 1,700 से ज्यादा गांवों के लिए इस प्रोजेक्ट से जो जलधारा निकलेगी, वो जीवनधारा का काम करेगी। ये प्रोजेक्ट आज ही नहीं, बल्कि अगले 20-22 साल की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसका काम लॉकडाउन में भी नहीं रुका।
3. ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक
ईज ऑफ लिविंग, जीवन जीने में आसानी के लिए जरूरी है। पैसा कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन ईज ऑफ लिविंग पर सबका हक है। खासकर, गरीब, आदिवासियों का हक है। मणिपुर समेत पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा कर चुका है। हर परिवार बिजली से कनेक्टेड है। एलपीजी गैस गरीब से गरीब के किचन तक पहुंच चुकी है। हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है। हर गरीब-बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। एक बड़ी कमी रह गई थी साफ पानी की, उसे पूरी करने के लिए भी मिशन मोड़ पर काम चल रहा है।
4. नॉर्थ-ईस्ट पूर्वी एशिया का गेटवे
बेहतर जीवन का सीधा संबंध कनेक्टिविटी से है। नॉर्थ-ईस्ट की कनेक्टिविटी यहां के लोगों के ईज ऑफ लिविंग के लिए जरूरी है। नॉर्थ-ईस्ट, पूर्वी एशिया के साथ सांस्कृतिक रिश्तों का गेटवे है। 6 साल में पूरे नॉर्थ-ईस्ट के इन्फ्रास्ट्रक्टर पर हजारों करोड़ का निवेश किया है। कोशिश है कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की राजधानियों को फोर लेन और गांवों को प्रमुख सड़कों से जोड़ा जाए। इसके लिए करीब 3,000 किमी सड़कें तैयार हो चुकी हैं। 7,000 किमी के प्रोजेक्ट्स पर काम तेजी से चल रहा है। रेल कनेक्टिविटी में भी बहुत बड़ा परिवर्तन दिख रहा है
5. आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से टूरिज्म को भी फायदा
आज नॉर्थ-ईस्ट में छोटे-बड़े करीब 13 ऑपरेशनल एयरपोर्ट हैं। नॉर्थ-ईस्ट के लिए एक और बड़ा काम हो रहा है। इन-लैंड-वॉटरवेज के क्षेत्र में बड़ा रिवॉल्यूशन दिख रहा है। भविष्य में यहां की कनेक्टिविटी सिर्फ सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक सीमित नहीं रहेगी। सीमलेस कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। नॉर्थ-ईस्ट देश की नेचुरल और कल्चरल डायवर्सिटी का बहुत बड़ा प्रतीक है, आन-बान-शान है। ऐसे में आधुनिक इन्फ्रा बनने से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।”
6. अमन की ओर नॉर्थ-ईस्ट
नॉर्थ-ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। यहां शांति की स्थापना हो रही है। पीस, प्रोग्रेस और प्रॉस्परिटी का मंत्र गूंज रहा है। नॉर्थ-ईस्ट, विशेषकर मणिपुर के नागरिकों का दिल के आभार करता हूं कि आपने हमारा साथ दिया। दशकों से चला आ रहा हिंसा का दौर अब थम चुका है। त्रिपुरा और मिजोरम में भी हिंसा का दौर थम गया है। बेहतर इन्फ्रा, कनेक्टिविटी और शांति तीनों एक साथ बढ़ते हैं तो उद्योगों और निवेश के लिए संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
7. बैम्बू इंडस्ट्री के लिए पार्क को मंजूरी
नॉर्थ-ईस्ट के बैम्बू (बांस) में बहुत सामर्थ्य है। नॉर्थ-ईस्ट में बैम्बू इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए पहले दी एक पार्क की अनुमति दी जा चुकी है। नुमालीगढ़ में बायो फ्यूल बनाने पर भी काम हो रहा है। इससे युवाओं और स्टार्टअप को बहुत फायदा मिलेगा। जो राज्य ज्यादा सक्रिय होगा वह लाभ उठाएगा। मुझे भरोसा है कि मणिपुर पूरा फायदा उठाएगा। हमारी कोशिश है कि मणिपुर के युवाओं को रोजगार के अवसर उनके राज्य में ही मिलें।
8. आखिर में फिर कोरोना का जिक्र
भाषण के आखिर में पीएम ने फिर कोरोना संकट का जिक्र किया। कहा, “विकास और विश्वास के रास्ते को हमें मजबूत करते रहना है। हमारे सपने में कहीं कोई रुकावट नहीं आए। समय-सीमा से पहले हम काम कर पाएं। माता-बहनें हमें ऐसा आशीर्वाद दें। रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है, ऐसे में आपसे आशीर्वाद का आग्रह करता हूं। अपना ध्यान रखिए। स्वच्छता में तो नॉर्थ-ईस्ट पहले ही रोल मॉडल का काम कर रहा है, लेकिन कोरोना को देखते हुए दो गज की दूरी, सैनेटाइजेशन और थूकने की आदत छोड़ना अहम है। यह कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।”
मणिपुर वाॅटर सप्लाई प्रोजक्ट क्या है?
ग्रेटर इम्फाल प्लानिंग एरिया के घरों, 25 कस्बों और मणिपुर के 16 जिलों के 1,731 गांवों के 2,80,756 घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाने के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसका खर्च उठाएंगी। केंद्र ने 1,185 गांवों के 1,42,749 घरों तक कनेक्शन पहुंचाने के लिए फंड दिया है। 2024 तक ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ये एक अहम प्रोजेक्ट है।