कुल्लू : शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने शूलिनी विश्वविद्यालय में सीईडीएसए के डायरेक्ट सेलिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का वर्चुअल रूप से शुभारंभ किया

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Education Minister Govind Singh Thakur launched the Direct Selling Center of Excellence of CEDSA at Shoolini University virtually through

शिक्षा भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर आज वर्चुअल माध्यम से सोलन स्थित शूलिनी विश्वविद्यालय और इंडियन डायरैक्ट सेलिंग एसोसियेशन के एकेडमिक्स में डायरैक्ट सेलिंग के लिए उत्कृष्ट केन्द्र का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से बाहर, सीईडीएसए पूरे दक्षिण एशिया में अपनी तरह का पहला और दुनिया में तीसरा समग्र केन्द्र है। उन्होंने इस अनूठी पहल के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रशासन को बधाई तथा शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह हमारे प्रदेश तथा देश के युवाओं के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेन्द्र गर्ग भी शुलिनी विश्वविद्यालय में एकेडमिक्स में डायरैक्ट सेलिंग के लिए उत्कृष्ट केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। गोविदं सिंह ठाकुर ने शिक्षा मंत्री के नाते  समारोह में विशेष रूप से उपस्थित खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजेन्द्र गर्ग का हार्दिक स्वागत तथा अनिनंदन किया।  

उन्होंने कहा कि आने वाले दशक में भारत दुनिया का सबसे अधिक युवा जनसंख्या बाला देश होगा। भारत का भविष्य इस बात पर निर्धारित करेगा कि हम अपनी युवा जनसंख्या को किस प्रकार से वैश्विक उच्चतर गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। शिक्षा के विकास के एजेंडे को प्राप्त करें ताकि हमारे बच्चे दुनिया के किसी भी प्रकार के ज्ञान को हासिल करने में  पीछे न रहें। उन्होंने शूलिनी विश्वद्यिालय की सरहाना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने तकनीक से सभी को जोड़े रखा है तथा शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए आयाम अपनाकर देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।यह नित नए प्रकल्पों पर कार्य कर के हमारे नौजवानों को उत्कृष्ट शिक्षा के साथ उद्यमिता की शिक्षा प्रदान करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

इस अवसर पर विश्वद्यिालय के कुलपति चांसलर प्रो.पी.के. खोसला, चेयरपर्सन आइडीएसए, रीनी सनयाल, डा. कमल कांत वशिष्ठ, निदेश्राक, सीईडीएसए ऐजुकेशन रिलेशनशिप तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने राज्य में जमा दो कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को लेकर शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष् था सचिव के साथ की बैठक
 कहा, छात्रों के संपूर्ण मूल्यांकन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाया गया फार्मूला


शिक्षा भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर आज मनाली में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश सोनी तथा सचिव अजय सूद के साथ राज्य में जमा दो कक्षाओं के परीक्षा परिणाम के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा परिणाम से सम्बंधित व्याप्क , वस्तुनिष्ठ तथा सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ऐसा फार्मूला तैयार किया गया है, जिससे छात्रों का संपूर्ण मूल्यांकन सुनिश्चित हो। प्रदेश की जय राम सरकार के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अपने दायित्वों के निर्वहन में निरंतर अग्रणी रहा है।


शिक्षा मंत्री को अवगत करवाते हुए शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश सोनी ने कहा कि प्रदेश में 12वीं के बच्चों को अंक देने के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के फार्मूले को ध्यान में रखा गया गया है। इसमें बच्चों को असैसमैंट करने या उन्हें अंक देेने के लिए सीबीएसई के पांच सूचकों (इंडीकेटर) को अपनाया गया है। इन पांच इंडीकेटरों के तहत बच्चों की इंटरनल असैसमैंट, प्रैक्टिकल/प्रोजैक्ट वर्क, 10वीं तथा 11वीं कक्षा में प्राप्त अंकों को महत्व देने के साथ बच्चों की प्री बोर्ड परफारमेंस को भी ध्यान में रखा गया है।


 उन्होंने बताया कि सीबीएसई के पांच इंडीकेटरों को अपनाने के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा तीन और सूचकों को आधार बनाया गया है जिसमें बच्चों का मूल्यांकन करने के लिए या उन्हें अंक प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा जो बच्चों की पहले तथा दूसरे सत्र की  े आॅनलाईन परीक्षा करवाई गई है, को भी आधार बनाया गया है। दूसरा जो 12वीं कक्षा के बच्चों की 13 अप्रैल को अंग्रेजी विषय की परीक्षा करवाई गई थी उसे भी महत्व दिया गया है। प्रतिभाशाली या गुणी बच्चों को चिन्हित कर तथा उन्हें अंक प्रदान करने सहित अन्य बच्चों का भी परीक्षा परिणाम तैयार किया जा रहा है। इन अंको को देने के लिए बच्चों को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है तथा सभी विषयों को बरावर वरीयता प्रदान की गई है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का क्राईटीरिया और भी ज्यादा व्याप्क है तथा इसमें बच्चों ने जो साल भर पढ़ा है, उसके आधार पर 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा का परिणाम बनाने पर ध्यान दिया गया है

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