कुल्लू :- महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध

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    Kullu:- Government is committed to implement the schemes of Women and Child Development Department.

    महिला एवं बाल विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इससे संबंधित योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। समय समय पर योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार द्वारा उचित दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं। योजनाएं को धरातल पर उतारने के लिए कड़ी निगरानी के साथ फीडबैक लिया जा रहा है। जिला कुल्लू में भी विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं पर कड़ाई से अमल कर योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है।

    जिला में कुल स्वीकृत 1061 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 34 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है । कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आंगनवाडी केन्द्रों में बच्चों के न आ पाने के कारण लाभार्थियों के अभिभावकों को पूरक पोषाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत टेक होम राशन उपलब्ध करवाया गया। जिला में 6 माह से 3 वर्ष के 14606 के साथ साथ 3 से 6 वर्ष तक की आयु के 13638 बच्चों तथा 5905 गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार उपलब्ध करवाया गया।

    मुख्यमंत्री द्वारा एक नई योजना बाल पोषाहार टॉप-अप योजना 1 अगस्त 2020 (द्वितिय चौमाही) से लागू की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान आहार को अधिक पौष्टिक बनाना है ताकि बच्चों एवं माताओं को अधिक पोषक तत्वों से युक्त पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा सके। सरकार द्वारा जिला स्तर पर उपायुक्त महोदय की अध्यक्षता में आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु पोषाहार की निर्बाध आपूर्ति एवं खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की निगरानी हेतु जिला स्तरीय निगरानी एवं गुणवत्ता समिति का गठन किया गया है। कोविड काल में विभागीय दिशानिर्देशानुसार 3-6 वर्ष के 8163 बच्चों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा व्हाट्सएप एवं गृह भ्रमण के दौरान बच्चों की माताओं एवं अभिभावकों के माध्यम से शालापूर्व शिक्षा प्रदान की गई है।

    बेटी है अनमोल योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार में जन्मी दो बेटियों तक 21000 रुपये प्रति बालिका एकमुश्त “जन्म उपरान्त राशि” के रूप में अनुदान दिया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में इस योजना पर दिसम्बर 2021 तक 18.35 लाख रुपए खर्च किया जा चुका है।

    मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत निर्धन परिवारों में जन्मी लड़कियों को विवाह हेतु 51 हजार रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में इस योजना पर 33.55 लाख रुपए की राशि 66 लाभार्थियों को वितरित की गई है। विधवा पुनर्विवाह योजना में विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहन देने के लिए विधवा/दम्पत्ति को 50 हजार की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत वित्त वर्ष 2020-21 में 3 लाख रुपए की राशि वितरित की जा चुकी है।

    मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना में निसहाय महिलाओं को दो बच्चों के पालन-पोषण के लिए 6000 रुपए प्रतिवर्ष प्रति बच्चा 18 वर्ष की आयु तक प्रदान किए जाते हैं। योजना के तहत चालू वित्त वर्ष में 43.47 लाख रुपए लाभार्थियों को प्रदान किए गए हैं।

    सशक्त महिला योजना में महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने, सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रदान करने व उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रदेश में सशक्त महिला योजना को लागू किया गया है। योजना के अंतर्गत जिला कुल्लू में 239 सशक्त महिला केंद्र का गठन किया गया है।

    प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में महिलाओं को प्रसव-पूर्व एवं प्रसव उपरांत उनकी कमाई में होने वाली कमी की प्रतिपूर्ति एवं उनके अतिरिक्त पोषण हेतु प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी महिला को 5 हजार रुपए दिये जा रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक गर्भवती महिला (जो सरकारी नौकरी न करती हो ) को केवल अपने प्रथम गर्भ /बच्चे के लिए सरकार द्वारा 5 हजार रुपये मातृत्व सहयोग राशि तीन किश्तों में प्रदान की जाती है। चालू वित्त वर्ष में 1418 लाभार्थी महिलाओं को इसके तहत 59.61 लाख की राशि वितरित की गई है।

    वर्तमान में 11 से 14 वर्ष की ओओएस (आउट आफ स्कूल) किशोरियों के लिए ही संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य किशोरियों की स्वास्थ्य, पोषण व कौशल प्रशिक्षण सम्बन्धी जरूरतों को पूरा करना व बाल विवाह को रोकना है । इस योजना के अन्तर्गत विभिन्न प्रशिक्षण शिविर व जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाता है | एसएनपी कंपोनेंट  में कोविड-19  महामारी के दृष्टिगत किशोरियों को टेक होम राशन देकर लाभान्वित किया गया है।  

    नवम्बर-2017 में केंद्र सरकार द्वारा महिला शक्ति केंद्र योजना लागू की गई। जिला कुल्लू में अक्टूबर 2020 में महिला शक्ति केंद्र स्थापित किया गया। यह केंद्र महिला केंद्रित योजनाओं को महिलाओं तक सुविधापूर्ण तरीकों से पहुंचाने के लिए गांव,  ब्लाक और और राज्य स्तर के बीच कड़ी का काम करेगा। जिला कुल्लू में महिला शक्ति केंद्रों द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में 20 शिविरों के माध्यम से 680 महिलाओं को सरकारी योजनाओं व उनके अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

    नाबालिग  बलात्कार, बाल शोषण पीड़ितों के पुनर्वास सहायता योजना के अंतर्गत 16 वर्ष से कम आयु के बाल बालिका को कवर किया जाता है। पीड़ित बाल बालिका को दी जाने वाली राशि 7500 रुपए प्रतिमाह है। जिसमें से 2500 रुपए पीड़ित के बचत खाते में तथा 5000 रुपए आरडी के रूप में जमा की जाती है। यह राशि पीड़ित को उसके 21 वर्ष के पूरे होने तक दी जाएगी। योजना के तहत 2020-21 में 9 बच्चों को 3.78 लाख की राशि चालू वित्त वर्ष में प्रदान की गई है।

    मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना व समेकित बाल संरक्षण योजना      में जिला में संचालित 3 बाल-बालिका आश्रमों में 93 बच्चों के रहने खाने पीने और शिक्षा का निशुल्क प्रावधान किया गया है। बाल-बालिका सुरक्षा योजना एवं फॉस्टर केयर कार्यक्रम के तहत अनाथ व असहाय बच्चों के पालन पोषण हेतु अभिभावकों को 2 हजार प्रति माह और बच्चों को 500 रुपए प्रतिमाह राशि प्रदान की जा रही है। वर्ष 2021-22 में 193 बच्चों को इसके तहत 18.53 लाख रुपए की राशि वितरित की गई है।

    शगुन योजना में बीपीएल लड़कियों को महिलाओं को विवाह अनुदान के लिए 31 हजार रुपए की राशि आर्थिक सहायता के तौर पर प्रदान की जा रही है। वर्ष 2020-21 में 65 लाभार्थियों को इसके तहत 20.15 लाख रुपए वितरित किए जा चुके हैं।

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