बुजुर्ग और दिव्यांग हों या कोई बेसहारा, सरकार की पेंशन बनी सहारा
हिमाचल में लगभग सवा सात लोगों की पेंशन पर इस वर्ष खर्च हो रहे हैं 1300 करोड़
उम्र के आखिरी पड़ाव मंे जीवन-यापन के लिए तरसते और किन्हीं कारणों से उपेक्षा का दंश झेलने वाले प्रदेश के लाखों वरिष्ठ नागरिक हों या जीवन में हर पल संघर्षरत दिव्यांगजन, या फिर किन्हीं कारणों से विपरीत परिस्थितियांे से जूझ रहीं बेसहारा एवं एकल नारियां अथवा अन्य असहाय लोग। ये सभी जरुरतमंद लोग विशेषकर, वरिष्ठ नागरिक भी अब न केवल सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी अपने आपको स्वावलंबी महसूस कर सकते हैं। यह संभव हुआ है मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की एक मानवीय एवं दूरदर्शी सोच के कारण।
लगभग पांच वर्ष पूर्व 27 दिसंबर 2017 को प्रदेश की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वरिष्ठ नागरिकों का दर्द समझते हुए अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में एक ऐसा निर्णय लिया जो प्रदेश के उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आया, जिनके पास जिंदगी की सांझ में न तो जीवन-यापन का कोई सहारा था और न ही परिजन भी उनकी सही देखभाल कर रहे थे। https://www.tatkalsamachar.com/shimla-state-of-ladies/
साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि, गरीबी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे जय राम ठाकुर ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया और 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन प्रदान करने के लिए आय सीमा की शर्त हटा दी। पहले केवल 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ही इसका प्रावधान था। यही नहीं, अब जयराम सरकार ने 60 वर्ष से ऊपर की आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को भी आय सीमा की शर्त के बगैर ही पेंशन देने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश के लाखों वरिष्ठ नागरिक 1000 से लेकर 1700 रुपये तक मासिक पेंशन ले रहे हैं और वे उम्र के आखिरी पड़ाव में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन का दायरा बढ़ाने के अलावा प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों, बेसहारा एवं एकल महिलाओं, कुष्ठ रोगियों और अन्य असहाय लोगों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन में भी वृद्धि करके बहुत बड़ी राहत प्रदान की है। यही कारण है कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वार्षिक बजट में लगभग चार गुणा तक वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान सरकार ने 70 वर्ष या इससे अधिक आयु के बुजुर्गों की पेंशन 700 से बढ़ाकर 1700 रुपये की। इसी तरह 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों की पेंशन भी 1250 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये कर दी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत इस वित्त वर्ष में करीब सवा सात लाख पात्र लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है, जिन पर 1300 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। इस समय में प्रदेश में पांच लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक, लगभग 68 हजार दिव्यांगजन, करीब 1.30 लाख विध्वा, निराश्रित और एकल महिलाएं, 1482 कुष्ठ रोग पीड़ित और 150 ट्रांसजेंडर सामाजिक सुरक्षा पेेंशन ले रहे हैं। वर्ष 2018 के उपरान्त ही प्रदेश में पेंशन के तीन लाख से अधिक नए मामले मंजूर किए गए हैं। केवल साढे चार वर्षों में ही इतनी बड़ी संख्या में लोगों को पेंशन के दायरे में लाना प्रदेश सरकार की जनसेवा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।