हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रभारी (संगठन) रजनीश किम्टा ने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकों की कमी को लेकर हिमाचल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, इस समय सभी के लिए टीकाकरण की व्यवस्था न केवल अच्छी है बल्कि लोगों के समग्र स्वास्थ्य के लिए अति अावशयक है एवं एक उद्देश्यपूर्ण ढंग से तनाव मुक्त करने में भी मदद करता है। दूसरी लहर बुरी तरह प्रभावित हुई है और हिमाचल को कुछ हद तक तबाह करने वाले कोरोनावायरस संक्रमणों में वृद्धि हुई है। रजनीश किम्टा ने कहा है, राज्य सरकार क्या कर रही थी जब विभिन्न विषाणु विज्ञानियों द्वारा भारत में घातक दूसरी लहर आने की भविष्यवाणी की गई थी। दूसरी लहर से लड़ने की तैयारी, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बेहतर बनाने, अस्थायी अस्पतालों का निर्माण, अधिक स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की भर्ती, सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के बजाय, भाजपा के नेतृत्व वाली जयराम सरकार कुछ भी नहीं करने में व्यस्त थी और राज्य सरकार का प्रशासन कोविड से लड़ने हेतू अक्षमता के चरम पर रहा है।
हमारे देश और राज्य में मामलों और मौतों में तेजी से उछाल के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार समान रूप से जिम्मेदार हैं। आज लाहौल स्पीति, कुल्लू और अन्य कई जिलों में बिस्तरों की कमी और आईसीयू की उपलब्धता नहीं होने से मरीजों और उनके परिचारकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हिमाचल के अस्पताल मुख्य रूप से आईजीएमसी, नेरचौक मेडिकल कॉलेज, टांडा मेडिकल कॉलेज बेड की मांग को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं और कई मरीजों को गंभीर देखभाल प्रदान नहीं करने के कारण मरने के लिए छोड़ दिया गया है।
रजनीश किम्टा ने यह भी कहा, भारत दुनिया के अग्रणी टीके निर्माताओं में से एक है लेकिन हमारी भारत सरकार अभी भी अपने लोगों को टीका लगाने के लिए संघर्ष कर रही है। जिसका उत्कृष्ट उदाहरण हमारा अपना राज्य हिमाचल है, जहां 18 से 44 आयु वर्ग के लिए केवल 1.07 लाख खुराकें पहुंची हैं, जबकि इस आयु वर्ग में कुल जनसंख्या 31 लाख से अधिक है और कुल आवश्यक टीकों की आवश्यकता लगभग 72 लाख है।
रजनीश किमटा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भी निशाना साधते हुए कहा, भारत में सत्तारूढ़ दल के पार्टी अध्यक्ष हिमाचल से हैं और भारत और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में रह चुके हैं। स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ होने के बावजूद, वह अपने गृह राज्य को पर्याप्त सहायता प्रदान करने में असमर्थ है। हिमाचल को प्रचुर मात्रा में टीके उपलब्ध कराने में भी उनकी कमी रही है। साथ ही, राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, जो सरकार में हमारे राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके पास एक महत्वपूर्ण विभाग है अौर वह कोविड 19 से लड़ने के लिए केंद्र से पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने में व अपने गृह राज्य की मदद करने में अपर्याप्त साबित हुए हैं।
टीकाकरण के लिए बुकिंग करना लोगों को बड़ी समस्या झेलनी पड़ रही है और सरकार के पास बुकिंग सुनिश्चित करने के लिए इससे बेहतर कोई योजना नहीं है। स्मार्टफोन नहीं रखने वाले लोगों का एक बड़ा हिस्सा स्लॉट के लिए बुकिंग के साथ समस्याओं को स्वीकार कर रहा है और सरकार इस मामले में कतेई चिंतित नहीं दिख रही है।
किमटा ने कहा कि 18 और उससे अधिक की आबादी के टीकाकरण पर हिमाचल सरकार का मुख्य ध्यान होना चाहिए और सरकार को तीसरी लहर से लड़ने के लिए और अधिक तैयार रहना चाहिए।