हिमाचल को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास जारीः राज्यपाल

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Efforts are on to establish Himachal as a model state: Efforts are on to establish Himachal as a model state: Governor

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि कोरोना काल की कठिन चुनौतियों का एकजुटता से सामना करने के बाद हिमाचल विकास के पथ पर फिर से तेजी से अग्रसर है। विभिन्न सामाजिक विषयों को लेकर वह व्यक्तिगत तौर पर भी अपना योगदान देकर इस पहाड़ी प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं।


राज्यपाल आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मलेन की अध्यक्षता राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने की।  इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, गृह मन्त्री अमित शाह, सभी राज्यों के राज्यपाल व उच्च अधिकारी उपस्थित थे।


श्री आर्लेकर ने कहा की राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियांे के बावजूद लोगांे को कोरोना की पहली खुराक देने के मामले मेें हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा की प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनकी कोशिश रहेगी कि हर जिले की विशेषता पर आधारित मेलों का आयोजन कर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाया जाए। इनके माध्यम से स्थानीय उत्पादों  को भी उचित मंच व बाजार उपलब्ध करवा सकते हैं। इससे प्रधानमंत्री के वोकल फाॅर लोकल की परिकल्पना को भी साकार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण उनकी प्राथमिकताओं में है।


उन्होंने कहा कि कामकाज को पारदर्शी, तीव्र, सुगम व सुचारू बनाने के लिए 22 अक्तूबर, 2021 से हिमाचल प्रदेश राजभवन को पूरी तरह से ई-आॅफिस में बदल दिया गया है, जिसके तहत सारा कामकाज आॅनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा केन्द्रों में गुणात्मक शिक्षा की दिशा में प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी तरह लागू करने की प्रक्रिया जारी है। प्रदेश सरकार के हर घर पाठशाला कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य ने कोरोना महामारी के कारण लाकडाउन के दौरान विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य सुचारू बनाये रखने के लिए अप्रैल 2020 से अपनी तरह का यह अनूठा कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें लगभग 8 लाख बच्चे लाभान्वित हुए।


राज्यपाल ने कहा की राज्य में प्राकृतिक खेती को काफी विस्तार दिया जा चुका है। सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के तहत 1.5 लाख से अधिक किसान इसे अपना चुके हैं। प्रदेश की कुल 1.2 लाख बीघा जमीन पर यह कृषि की जा रही है। उन्होंने बताया कि वह सामाजिक समरसता की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। मानवता के कार्यों में राजभवन पूरी तरह सक्रिय है और रेडक्राॅस जैसी संस्थाओं के माध्यम से उनकी कोशिश है कि जरूरतमंद और पात्र लोगों की अधिक से अधिक मदद की जा सके। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य रेडक्राॅस, जिला प्रशासन और इण्डियन रेडक्राॅस के साथ नालागढ़ में अल्ट्रामाडर्न ब्लड बैंक विकसित कर रही है, जिसे शीघ्र ही क्रियाशील कर दिया जाएगा।


उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी व सेवन का मामले भी उठाया तथा कहा कि इस अंकुश लगाने के लिए हर स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा की राज्यपाल के तौर पर उनकी कोशिश रहेगी कि केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे और समाज के सबसे निचले स्तर तक व्यक्ति लाभान्वित हो। उन्होंने कहा कि करीब चार माह की अल्पावधि में उन्होंने हिमाचल में सामाजिक सरोकार के विभिन्न प्रकल्पों को लक्षित कर समाज को दिशा देने की कोशिश की है।

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