पर्यावरण दिवस : पौने तीन लाख पेड़ काटने पर विचार, लॉकडाउन के बीच ?

0
4

पर्यावरण दिवस ऐसा मौक़ा है जब दुनिया भर के नेता आब-ओ-हवा और जंगलों के बारे में अच्छी-अच्छी बातें करते हैं लेकिन पर्यावरण बनाम विकास की बहस में ऐसे मौक़े कम ही आते हैं जब जंगल और जैव विविधता का पूरा ख़्याल रखा गया हो. इसी सिलसिले में लॉकडाउन के दौरान वर्चुअल बैठकों के ज़रिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की दो समितियों- नेशनल बोर्ड फ़ॉर वाइल्ड लाइफ़ और फ़ॉरेस्ट एडवाइज़री कमेटी (एफ़एसी) ने जैव विविधता और जंगलों से जुड़े 30 प्रस्तावों को मंज़ूरी देने के सिलसिले में चर्चा की है और कुछ को मंज़ूरी दी भी गई है.

ये चर्चा और म़ंजूरी देने का काम लॉकडाउन में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए किया गया है.

इनमें सबसे ज़्यादा चर्चा अरूणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में प्रस्तावित हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को लेकर हो रही है. 3097 मेगावाट वाला ये प्रोजेक्ट देश के सबसे बड़े पावर प्रोजेक्टों में से एक होगा. 23 अप्रैल को पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की फ़ॉरेस्ट एडवाइज़री कमेटी (एफ़एसी) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए एक रिव्यू बैठक की. इस बैठक के औपचारिक ब्यौरे के मुताबिक़ इसमें पावर प्रोजक्ट पर चर्चा की गई जिसे पूरा करने के लिए 2.7 लाख पेड़ों को काटना होगा.

एफ़एसी, पर्यावरण मंत्रालय की एक ऐसी कमेटी है जो वन क्षेत्र में निर्माण कार्य के लिए हरी झंडी देने का काम करती है. ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर किसी प्रोजेक्ट को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ये कमेटी या एक्सपर्ट अप्रेज़ल कमेटी क्लीयरेंस दे दे तो मंत्रालय की ओर से ऐसे प्रोजेक्ट को भी हरी झंडी दे ही दी जाती है.

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here