चीन द्वारा हॉन्गकॉन्ग पर नया राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगाये जाने की वजह से ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने हॉन्गकॉन्ग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि ‘तुरंत प्रभाव से’ और ‘अनिश्चितकाल के लिए’ निलंबित करने की घोषणा की है.

संसद में इसकी घोषणा करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि ‘यूके चीन के साथ सकारात्मक संबंध चाहता है.’

लेकिन उन्होंने कहा कि चीन द्वारा हॉन्गकॉन्ग पर नया राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून थोपना, ब्रिटेन की नज़र में अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का ‘गंभीर उल्लंघन’ है.

दोनों देशों के बीच 30 साल से ज़्यादा समय से यह संधि थी. लेबर पार्टी ने भी मौजूदा क़ानून में बदलाव का समर्थन किया है.

डॉमिनिक राब ने यह भी पुष्टि की कि सरकार हथियारों पर लगाई गई रोक, जो चीन में 1989 से लगी हुई है, उसे हॉन्गकॉन्ग पर भी लागू करेगी जिसकी वजह से इस क्षेत्र में ब्रिटेन द्वारा कुछ किस्म की बंदूकों और स्मोक ग्रनेड्स जैसे हथियारों का निर्यात बंद हो जाएगा.

लेकिन चीन ने ब्रिटेन सरकार पर आरोप लगाया है कि वो अंतरराष्ट्रीय क़ानून को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसमें बदलाव करके ब्रिटेन ने ‘गंभीर दखलअंदाज़ी’ की है.

इससे पहले चीन ने कहा था कि ये उसके आंतरिक मामलों में दखल है और अगर ब्रिटेन अपने रवैये पर अड़ा रहा तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी.

अमरीका के बाद अब ब्रिटेन ने हॉन्गकॉन्ग में नए सुरक्षा क़ानून और वीगर मुसलमानों की प्रताड़ना को लेकर चीन के ख़िलाफ़ यह कड़ा क़दम उठाया है.

चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक़ चीन के विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन से अपील की थी कि वो ग़लत रास्ते पर आगे ना बढ़े, इससे ब्रिटेन-चीन के आपसी रिश्तों को और नुक़सान होगा.

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