घर में उपचाराधीन रोगियों को अस्पताल स्थानान्तरित करने के लिए अतिरिक्त वाहन प्रदान किए जाएंगेः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के तहत कोविड-19 मरीजों को उनके स्वास्थ्य की आवश्यकतानुसार उपचार के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में स्थानान्तरित के लिए चिन्हित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में समर्पित वाहन प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अनुभव किया जा रहा था कि यदि घर पर उपचाराधीन कोविड-19 मरीज को उपचार के लिए अस्पताल स्थानान्तरित करने की आवश्यकता होती है, तो उन्हें अस्पताल तक जाने के लिए उचित वाहन प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि इन वाहनों में ड्राइवर केबिन को पिछली सीट से अलग करने के लिए फाइबर ग्लास लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे मरीजों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि मरीजों की सुविधा के लिए ऐसे हर संस्थान में दो वाहन प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त आपातकालीन सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए जिलों के संस्थानों से 30 वाहन प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लोगों के कोविड-19 के सैंपल एकत्रित करने के लिए कुछ स्थानों पर वाॅक-इन-कियोस्क स्थापित किये गये हैं। उन्होेंने अधिकारियों को इसका व्यापक प्रचार करने को कहा है, ताकि आम जनता इसका लाभ उठा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि घर में उपचाराधीन कोविड मरीजों को उनकी स्वास्थ्य की पूछताछ के लिए चिकित्सकों द्वारा कम से कम एक टेलीफोन काॅल सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल रोगियों के स्वास्थ्य मापदंडों के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी, बल्कि मरीजोें का मनोबल बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1100 के कर्मचारियों को कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों का इस वायरस से लड़ने के लिए मनोबल बढ़ाने और कुशल-क्षेम जानने के लिए फोन काॅल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड के लिए समर्पित बिस्तरों की कोई कमी नहीं है और आॅक्सीजन सिलेंडर भी काफी मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में लोगों की संख्या 50 तक सीमित के निर्णय को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड के मरीजों का पता लगाने और इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड टेस्ट की संख्या को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई माह में क्रमशः 31035 और 42331 जांच के मुकाबले में अक्तूबर और नवंबर माह में 96657 और 135100 जांच (टेस्ट) किए गए। उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में आज तक 29176 परीक्षण किए जा चुके है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सभी कोविड वार्डों में मरीजों की सुविधा के लिए गर्म पानी और स्टीमर की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीजों के लिए स्वच्छ शौचालय सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।  
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने भी इस अवसर पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि राज्य में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया को सख्ती से कार्यान्वित किया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि राज्य में बनाए जा रहे चार प्री-फेब्रिकेटिड कोविड अस्पताल एक पखवाड़े के भीतर बनकर तैयार हो जाएंगे, जिससे कोविड मरीजों के लिए बिस्तर क्षमता में वृद्वि होगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि पिछले कुछ दिनों में कोविड मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्वि हुई है लेकिन ज्यादा संख्या में कोविड टेस्ट किए  जाने के परिणामस्वरूप भी मरीजों की संख्या में बढ़ौतरी हुई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

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