चंद्रयान-2 को नेतृत्व दो महिला वैज्ञानिकों के हाथ में रहेगा। इसरो के किसी अंतरिक्ष मिशन में ऐसा पहली बार होगा। इनमें वनिथा मुथैया प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर काम कर रही हैं तो वहीं रितु करिढाल मिशन डायरेक्टर हैं। दोनों को 20 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इसरो के अनुसार चंद्रयान-2 को संभव करने वाले स्टाफ में 30 प्रतिशत महिलाएं हैं।यदि सबकुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-2 दुनिया का पहला ऐसा मिशन बन जाएगा जो चांद की दक्षिणी सतह पर उतरेगा। यह वह अंधेरा हिस्सा है जहां उतरने का किसी देश ने साहस नहीं किया है।
इससे पहले 2008 में चंद्रयान-1 और 2013 में मार्स ऑर्बिटर मिशन को अंजाम दिया गया था। यह भारत का तीसरा मिशन है। जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल मार्क 3 भारत में अब तक बना सबसे शक्तिशाली रॉकेट है। यह चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा तक ले जाएगा।