राज्य सरकारें करीब 5 हजार टन प्याज नहीं उठा रही हैं जिसे दूसरे देशों से आयात किया गया है। राज्य सरकारें नए प्याज के आवक का इंतजार कर रही हैं, जिससे कीमत में नरमी आएगी। राज्य सरकारें अगर प्याज नहीं उठाती हैं तो केंद्र को बहुत ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि लंबे समय तक प्याज को स्टोर कर नहीं रखा जा सकता है। राज्य सरकारें करीब 5 हजार टन प्याज नहीं उठा रही हैं जिसे दूसरे देशों से आयात किया गया है। राज्य सरकारें नए प्याज के आवक का इंतजार कर रही हैं, जिससे कीमत में नरमी आएगी। राज्य सरकारें अगर प्याज नहीं उठाती हैं तो केंद्र को बहुत ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि लंबे समय तक प्याज को स्टोर कर नहीं रखा जा सकता है।
नई दिल्ली
प्याज की कीमत में अभी भी राहत नहीं है और यह 100 रुपये किलो से महंगा बिक रहा है। नए प्याज की आवक अभी तक शुरू नहीं हुई है ऐसे में प्याज का विदेशों से आयात किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकारें करीब 5 हजार टन प्याज नहीं उठा रही हैं जिसे दूसरे देशों से आयात किया गया है। राज्य सरकारें नए प्याज की आवक का इंतजार कर रही हैं, जिससे कीमत में नरमी आएगी।
5 हजार टन प्याज का आयात हो चुका है
कीमत पर लगाम कसने के लिए सरकार ने तुर्की, मिस्र, अफगानिस्तान और श्रीलंका से 45 हजार टन प्याज आयात करने का फैसला किया जिसमें से 5 हजार टन प्याज का आयात हो चुका है। सैकड़ों टन प्याज शिप में भी है। संबंधित विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकारें अगर प्याज नहीं उठाती हैं तो केंद्र को बहुत ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि लंबे समय तक प्याज को स्टोर कर नहीं रखा जा सकता है।
प्याज की नई फसल की आवक शुरू
मंडियों तक प्याज की नई फसल की आवक धीरे-धीरे शुरू हो चुकी है। लासलगांव मंडी में गुरुवार को 1 क्विंटल प्याज की कीमत 3500 रुपये थी जो एक महीने पहले 8600 रुपये तक पहुंच गई थी। हालांकि खुदरा मार्केट में कीमत अभी भी 90 रुपये के करीब बनी हुई है।
दोगुना होगा प्याज का स्टॉक
पिछले साल प्याज की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए सरकार अभी से इस तैयारी में जुट गई है कि हालात दोबारा से ऐसे ना बनें। केंद्र सरकार ने प्याज के बफर स्टॉक को करीब दोगुना करते हुए एक लाख टन बनाने का निर्णय किया है। पिछले साल प्याज का 56,000 टन का बफर स्टॉक तैयार किया था इसके बावजूद कीमत पर लगाम नहीं लगाया जा सका।