नई दिल्ली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए दुर्व्यवहार पर आपत्ति व्यक्त करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रियंका गांधी के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
श्री गहलोत ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगा कि डेमोक्रेसी में आंदोलन होते हैं, गिरफ्तारियां होती हैं, लेकिन किसी को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए। श्रीमती प्रियंका गांधी राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की महासचिव है, उनके साथ इस तरह का व्यवहार अशोभनीय औश्र दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री गहलोत ने कहा कि दुर्भाग्य इस बात का है कि जब से यह आंदोलन शुरू हुआ है, मुख्यमंत्री महोदय को चाहिए था कि वह शांति बनाए रखने की अपील करते और बुलाकर वार्ता करते। उन्होंने यह करने के बजाय, शुरू से ही यह रवैया रखा कि आंदोलनकारियों से बदला लिया जाए। उनकी संपत्ति जब्त की जाए। बदला लेने वाली यह बात, मैं पहली बार सुन रहा हूं कि एक मुख्यमंत्री अपनी प्रजा के बारे में कहे कि जो आंदोलन करेंगे, उनसे सरकार बदला लेगी। फिर क्या बचता है। इसी का परिणाम है कि वहां की पुलिस के हौसले इतने बढ़ गए। प्रियंका जी के साथ दुर्व्यवहार किया गया और जब वह नीचे उतरकर 8 किलोमीटर पैदल जा रही थी तब भी बदतमीजी की गई। यह घोर निंदनीय है। देश में यह जो माहौल बन रहा है ऐसी परिस्थितियों में प्रधानमंत्री को खुद चाहिए कि वह हस्तक्षेप करें, वरना स्थिति और बिगड़ सकती है।
श्री गहलोत ने कहा कि मेरा मानना है कि देश की जो छवि सारी दुनिया में बदनाम हो रही है शायद इसका आभास इस सरकार को नहीं है। श्री गहलोत ने कहा कि देश की ऐसी बुरी हालात के चलते हुए 53 देशों ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि हिंदुस्तान में कोई नहीं जाएगा। इस सीजन में हिंदुस्तान में जितने पर्यटक आते हैं, वह बंद हो गए हैं। होटल खाली पड़े हैं। होटलों में ऑक्युपेंसी 40 परसेंट भी नहीं आ पा रही है। श्री गहलोत ने कहा कि देश में यात्रियों की ध्रुवीकरण की राजनीति की जा रही है। यह बीजेपी की सोच है इसे एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में उचित नहीं ठहराया जा सकता।