शिमला : वर्तमान सरकार द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए कार्य गिनवाए । आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश में 125 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने के फैसले से प्रदेश में 22 लाख कुल उपभोक्ताओं में से 14 लाख 62 हजार 130 घरेलू उपभोक्ताओं का अगस्त महीने का बिल जीरो आया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में सरकार द्वारा लगातार बेहतरीन फैसले लिए गए हैं और हिमाचल एक ऊर्जा राज्य के रूप में उभर रहा है उन्होंने बताया कि बिजली की उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में बदलाव किए गए हैं और प्रदेश में वर्ष 2030 तक 10 हजार मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । उन्होंने बताया कि पिछले पौने 5 साल के दौरान प्रदेश में 24 जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरा किया गया है । ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी ऊर्जा के उत्पादन वितरण और आम लोगों के लिए इसका लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न कार्य किए गए हैं।
कांग्रेस के 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की घोषणा को आड़े हाथ लेते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह संभव नहीं है और कांग्रेस हमेशा से लोगों को गुमराह कर सरकार बनाने की कोशिश करती है पिछले कुछ उदाहरणों के साथ ऊर्जा मंत्री ने कांग्रेस को सचेत किया की लोगों को गुमराह कर सरकार नहीं बनाई जा सकती है।
वर्तमान सरकार की ओर से प्रदेश के मध्यम वर्ग और ग्रामीण क्षेत्रों की जनता के लिए लिए गए फैसलों का लाखों लोगों को सीधा लाभ पहुंच रहा है। यह बात ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कही। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार ने आम जनता को राहत पहुंचाने के लिए 125 यूनिट तक निशुल्क बिजली देने का फैसला लिया था। प्रदेश में करीब 22 लाख 59 हज़ार 645 घरेलू उपभोक्ता हैं। इनमें से 14 लाख 62 हजार 130 घरेलू उपभोक्ताओं का अगस्त महीने का बिल जीरो आया है।
सुखराम चौधरी ने कहा कि पहले बिजली का इस्तेमाल हो या न हो, उपभोक्ता को 40 रुपये फिकस्ड चार्ज और 15 रुपये मीटर रेंट देना ही होता था। हमारी सरकार ने अब 125 यूनिट तक मीटर रेंट, फिकस्ड चार्ज और एनर्जी चार्ज भी खत्म किया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पहले एक उपभोक्ता को औसतन हर महीने 400 से 500 रुपये बिजली बिल आता था। हमारी सरकार के फैसले के बाद एक घरेलू बिजली उपभोक्ता को सालाना 5 हज़ार से 6 हजार रुपये की बचत होगी और जनता को यह सुविधा देने के लिए सरकार की ओर से करीब 41 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
सुखराम चौधरी ने कहा कि सरकार के इस फैसले से बिजली बचाओ अभियान को भी बढ़ावा मिल रहा है। क्योंकि काफी किफायत के साथ बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य सरप्लस बिजली पैदा करता है। हिमाचल प्रदेश में लगभग 24 हजार 567 मेगावाट विद्युत क्षमता है, जिसमें से 11 हजार 138 मेगावाट का दोहन विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत कर लिया गया है।
भविष्य की योजनाओं को लेकर ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने साल 2030 तक 10 हजार मेगावाट अतिरिक्त विद्युत क्षमता का दोहन करने का लक्ष्य रखा है। इसमें लगभग 1500 से 2000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है।
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया कि हमारी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि पिछले पौने पांच साल के दौरान प्रदेश में 24 जल विद्युत परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इन विद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा दोहन में 555 मेगावाट क्षमता की वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने पौने पांच वर्ष में प्रदेश में 4 हजार 864 ट्रांसफार्मर लगाए। साथ ही लो वोल्टेज की समस्या के समाधान के लिए 158 करोड़ रुपये की स्कीम वर्ष 2019-20 में स्वीकृत की गई थी। इस योजना के दूसरे चरण को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
सुखराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में 6 ईएचवी और 44 नए 33 केवी सब-स्टेशन स्थापित किए। इसके अलावा 83 किलोमीटर ईएचवी, 3 हजार 564 किलोमीटर एचटी लाइन और 3 हजार 908 किलोमीटर एलटी लाइन बिछाई गई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के अब तक के कार्यकाल में रिकॉर्ड 57 हजार से अधिक लकड़ी के पुराने खंभों को लौहे के खंभो से बदला जा चुका है। इसके अलावा प्रदेश में रोशनी योजना चलाई जा रही है, जिसमें निशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं।
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