स्कंद षष्ठी व्रत आज, शुभ-मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक नोट करें सबकुछ

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Skanda Shashti Vrat 2024: हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। स्कंद देव भगवान शिव और माता पार्वती (Lord Shiva and Mata Parvati) के पुत्र हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो साधक स्कंद षष्ठी के व्रत (Skanda Shashti Vrat) का पालन करते हैं उन्हें अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं। इस महीने में ये व्रत आज यानी सोमवार को पड़ रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान कार्तिकेय के साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है। स्कंद षष्ठी का सीधा संबंध भगवान गणेश के बड़े भाई कार्तिकेय से है और इन्हें स्कंद के नाम से भी जाना जाता है।

स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त (Auspicious Time)
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि तिथि की शुरुआत 13 मई को सुबह 02 बजकर 03 मिनट से होगी और इसका समापन 14 मई को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी 13 मई को मनाई जाएगी।

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स्कंद षष्ठी पूजा विधि (Worship Method)
स्कंद षष्ठी के दिन व्रत करने वाले लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान कर मंदिर की सफाई करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और एक चौकी पर भगवान स्कंद की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति को पंचामृत से स्नान करा, इसके बाद चंदन और हल्दी का तिलक लगाना ना भूलें। इसके बाद घी का दीपक जलाना है और भगवान को फूलों की माला अर्पित करनी है। भगवान को भोग लगाकर आरती कर पूजा को समाप्त करें। वैदिक मंत्रों का जाप करते हुए व्रत करने वाले तामसिक चीजों से ददी बनाएं। अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। पारण करने के बाद गरीबों की मदद करें और उन्हें भोजन खिलाएं।

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