वक्त के थपेड़ों से लुप्त हो रही शिल्प और दस्त कला के फिर से दिन फिरने वाले हैं। प्रदेश भर के गांवों में इसके लिए हिमाचल सरकार मुहिम छेडऩे वाली है। जयराम सरकार इस शिल्प कला को बचाने के लिए नई योजना लांच करने जा रही है। मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के नाम से शुरू होने वाली इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में कुशल कारीगरों की फौज तैयार की जाएगी। योजना का शुभारंभ 27 दिसंबर को प्रदेश सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर राजधानी शिमला में होने जा रही रैली में किया जाएगा। इसका खुलासा पंचायतीराज ग्रामीण विकास पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बिलासपुर में किया। उन्होंने कहा कि गांवों में शिल्पकार व दस्तकार सहित अन्य डिप्लोमाधारक व आईटीआई कर चुके युवाओं को तैयार करने के लिए ही यह योजना शुरू की जा रही है। योजना के तहत मास्टर ट्रेनर की तलाश की जाएगी और उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए 1500 रूपए मानदेय भी दिया जाएगा, जबकि ट्रेनिंग लेने वालों को स्टाईपंड के तौर पर सरकार की ओर से 3000 रुपे की राशि दी जाएगी। इससे गांवों में रोजगार के दरवाजे खुलने जा रहे हैं।