छात्र नेता ऐशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज JNU हिंसा में घायल

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    दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार और शनिवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन की ओर से शिकायत मिलने के बाद दो एफआईआर दर्ज की हैं। इन एफआईआर में जेएनयू के 22 छात्र नेताओं का नाम है। इनमें जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम शामिल है। पुलिस जल्द ही इन छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाएगी।

    शुक्रवार और शनिवार को भी छात्रों ने जेएनयू परिसर में हंगामा किया था। छात्रों ने सर्वर रूम ठप कर लोगों को बंधक बनाने के साथ संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। जेएनयू प्रशासन ने हंगामा करने वाले इन 22 छात्रों के खिलाफ नामजद शिकायत दी थी।

    पुलिस सूत्रों ने बताया कि हॉस्टल में मारपीट के दौरान जेएनयू प्रशासन की तरफ से पुलिस को पत्र लिखकर परिसर में हो रही हिंसा और कानून व्यवस्था को काबू करने के लिए आग्रह किया गया। इसके बाद पुलिस ने परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की गई।

    इनके खिलाफ रिपोर्ट
    वसंतकुंज नॉर्थ थाने में सोमवार को जेएनयू हिंसा में आइशी घोष, विवेक कुमार, गौतम शर्मा, गीता कुमारी, साकेत मून, सतीश यादव, राजू कुमार, चुनमुन यादव, कामरान, मानस कुमार, दोलन और सारिका चौधरी सहित 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

    जेएनयू में फीस की बढ़ोतरी को लेकर छात्रों का एक गुट पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा था। पुलिस की मानें तो रविवार शाम पौने चार बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि जेएनयू के पेरियार हॉस्टल परिसर में कुछ छात्र मारपीट और तोड़फोड़ कर रहे हैं। तत्काल पुलिस की टीम उक्त हॉस्टल के पास पहुंची, जहां पुलिस ने देखा कि 40-50 की संख्या में अंजान और नकाबपोश लोग हाथों में रॉड और डंडे लेकर मारपीट और तोड़फोड़ कर रहे थे। ये लोग पुलिस को देखते ही मौके से भाग गए।

    कुछ घंटे बाद फिर बवाल
    शाम करीब 7 बजे के आसपास फिर से पुलिस को सूचना मिली कि जेएनयू के साबरमती हॉस्टल में कुछ उपद्रवी 50-60 की संख्या में घुस गए हैं और तोड़ फोड़ कर रहे हैं। साबरमती हॉस्टल में पहुंची पुलिस ने पाया कि वहां 50-60 की संख्या में उपद्रवी हाथों में डंडे लेकर हॉस्टल में तोड़फोड़ कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें हॉस्टल से चले जाने की चेतावनी दी। इस पर ये तोड़-फोड़ करते हुए वहां से भाग गए। इस घटना में घायल हुए छात्रों को तत्काल एम्बुलेंस के माध्यम से एम्स ट्रॉमा सेंटर, एम्स अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल भेज दिया, जिन्हें सोमवार को छुट्टी दे दी गई।

    पुलिस उपायुक्त देवेन्द्र आर्या ने बताया कि पुलिस टीम ने जेएनयू परिसर में कई जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त की है। हंगामे के बाद से वायरल हो रही वीडियो की भी पुलिस जांच करेगी। इनकी मदद से हंगामा करने वालों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।

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