कांगड़ा : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने मंलगवार को जिला कांगड़ा के पालमपुर व कांगड़ा दौरे के दौरान 95 करोड़ के उदघाटन व शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री ने पालमपुर में लगभग 42 करोड़ रुपये लागत की 17 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किये, जबकि कांगड़ा में 53 करोड़ के उदघाटन व शिलान्यास किए।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष प्रत्येक भारतीय और विशेष रूप से प्रत्येक हिमाचली के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि जहां राष्ट्र अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, वहीं हिमाचल प्रदेश अपने अस्तित्व के 75 वर्ष मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे प्रगतिशील राज्य बनाने में प्रत्येक व्यक्ति ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास में प्रत्येक योगदानकर्ता के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश भर में 75 कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और इन कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेशवासियों के योगदान के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित व जागरूक किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने 75 वर्षों में विकास के सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने कहा कि डॉ. वाई.एस. परमार, रामलाल ठाकुर, शांता कुमार, वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल सहित सभी मुख्यमंत्रियों ने राज्य के विकास में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अभूतपूर्व विकास का सबसे बड़ा श्रेय प्रदेश की मेहनतकश और ईमानदार जनता को जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य के गठन के समय साक्षरता दर 4.8 प्रतिशत थी, जबकि वर्तमान में साक्षरता दर 83 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार वर्ष 1948 में राज्य में केवल 228 किलोमीटर सड़कें थीं और वर्तमान में राज्य में लगभग 40,000 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछ चुका है। उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 60,000 करोड़ रुपये की राशि से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) शुरू की गई थी। इस योजना के तहत राज्य में लगभग 51 प्रतिशत सड़कों का निर्माण किया गया है, जिससे राज्य के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के समक्ष कोरोना महामारी से प्रदेश को उबारने के साथ ही प्रदेश के विकास को निर्बाध जारी रखने की चुनौती थी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्रीय नेतृत्व ने सुनिश्चित किया कि देश में महामारी के दौरान कोई भी भोजन, मास्क, सैनिटाइजर और अन्य आवश्यक वस्तुओं से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न केवल देश के वैज्ञानिकों को इस वायरस के खिलाफ स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए प्रेरित किया, बल्कि विश्व के सबसे बड़े निःशुल्क टीकाकरण अभियान का भी सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में दर्ज हो गया है कि महामारी के दौरान एक सशक्त नेतृत्व ने देश को संकटकाल में सफलतापूर्वक बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि हिमकेयर, मुख्यमंत्री सहारा योजना, मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना, मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना इत्यादि अनेक योजनाओं से जरूरतमंद परिवार लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में काफी वृद्धि की गई है और बिना आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने के लिए आयु सीमा को पहले 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया और अब इसे घटाकर 60 वर्ष कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने पर वर्तमान राज्य सरकार द्वारा 1300 करोड़ रुपये की राशि व्यय की गई है, जबकि पिछली सरकार ने मात्र 400 करोड़ रुपये की राशि व्यय की थी।