आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का दो दिवसीय राज्य सम्मेलन रोटरी भवन पालमपुर में शुरु हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन यूनियन की राष्ट्रीय अध्यक्षा उषा रानी ने किया। सम्मेलन में सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर,सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,महासचिव प्रेम गौतम,जगत राम,रविन्द्र कुमार,अशोक कटोच,केवल कुमार,डॉ एम एस दत्तल,सतपाल,यूनियन प्रदेशाध्यक्षा नीलम जसवाल,महासचिव वीना शर्मा,सुदेश ठाकुर सहित प्रदेशभर से दो सौ से ज़्यादा आंगनबाड़ी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्षा उषा रानी ने कहा कि आईसीडीएस के निजीकरण की लगातार साज़िश रची जा रही है। आईसीडीएस के बजट में हर वर्ष कटौती जारी है। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों से नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,पोषण ट्रैकर ऐप व बजट कटौती आदि मुद्दों पर आंदोलन का आह्वान किया। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन तेज़ होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है। नई शिक्षा नीति में आइसीडीएस के निजीकरण का एजेंडा छिपा हुआ है। आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा।
उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को हिमाचल प्रदेश में तीस के बजाए सौ प्रतिशत नियुक्ति दी जाए। इस नियुक्ति प्रक्रिया में 45 वर्ष की शर्त को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि वे पहले से ही काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को पूर्ण कर्मी का दर्ज़ा दिया जाए व उन्हें आंगनबाड़ी कर्मियों के बराबर वेतन दिया जाए। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 व 2014 में हुए 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मी का दर्ज़ा देने की मांग की। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ग्रेच्युटी देने,तीन हज़ार रुपये पेंशन,मेडिकल व छुट्टियों आदि सुविधा देने की मांग की।