महिला एवं बाल विकास विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि विभाग से सम्बधित विभिन्न प्रतिभागियों/हितधारकों को विभिन्न विषयों से सम्बधित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विभाग ने हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के लागू होने से निदेशालय द्वारा चयनित किये गये प्रतिभागियों को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। निदेशालय द्वारा चलाये जा रहे 43 बाल बालिका देखभाल संस्थानों में रहने वाले बालक व बालिकाओं के भविष्य को सुदृढ़ करने में यह समझौता कारगर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इसके तहत 17 वर्ष से अधिक आयु वाले बालक व बालिकाओं को मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा जिस पर होने वाले व्यय का वहन कौशल विकास निगम द्वारा किया जाएगा। https://www.tatkalsamachar.com/medical-accident/ इसके अतिरिक्त 17 वर्ष से कम आयु वाले बाल-बालिकाओं को बाल-बालिका देखभाल संस्थानों में ही हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लम्बिंग, मकैनिकल, डिजिटल एण्ड आईटी आधारित वित्तीय आधारित साक्षरता, लर्निंग तकनीक जैसे विषयों के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त यह भी निर्णय लिया गया है कि विभाग के पर्यवेक्षकों को विभिन्न विषयों जैसे डिजिटल लिट्रेसी, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय साक्षरता एवं सीखने की तकनीकों आदि बारे में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर का प्रशिक्षण कौशल विकास निगम के माध्यम से करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इंटरनेट के प्रयोग में महिलाओं की दर 49.7 प्रतिशत है तथा पुरूषों की दर 67.9 प्रतिशत है । इसके मद्देनज़र प्रशिक्षण उपरान्त पर्यवेक्षकों द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सशक्त महिला केन्द्रों आदि के माध्यम से डिजिटल लिट्रेसी को जन-जन विशेषकर महिलाओं तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि वह भी जीवन को सुलभ बनाने, जानकारी प्राप्त या प्रदान करने आदि के लिए इंटरनेट एवं तकनीक का प्रयोग करें तथा साईबर धोखाधड़ी से अपना बचाव कर सकें। इसके अतिरिक्त इस एम.ओ.यू. के तहत अन्य मुख्य विषयों पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा सभी प्रशिक्षुओं का मूल्यांकन किया जाएगा तथा सफल प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट्स प्रदान किए जाएंगे।