अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याणार्थ संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं बारे करें जागरूक
अल्पसंख्यक वर्ग के कल्याणार्थ विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। सभी विभागों के अधिकारी संबंधित विभागों के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों हेतू संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में आयोजित शिवरों में जागरूक करें ताकि पात्र व्यक्ति इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकें। यह बात एडीसी ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने 15 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने बताया कि जिला में अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 51 आंगनबाड़ी वर्कर तथा 46 आंगनबाड़ी सहायिकाएं एकीकृत बाल विकास योजनाएं में सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में 6 साल तक के 948 बच्चों तथा 260 माताओं को लाभान्वित किया गया। उन्होंने बताया कि 209 बच्चे प्री-स्कूल शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एडीसी ने बताया कि जिला में 13 अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
एडीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना और मुख्यमंत्री स्वाबलंबन योजना के तहत एक-एक पात्र व्यक्ति को लाभान्वित किया गया है। मनरेगा के तहत 1,106 जाब कार्ड बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष में 154 छात्र व छात्राओं को कौशल विकास भत्ता और 60 को बेरोजगारी भत्ता तथा 3 औद्योगिक कौशल विकास भत्ते का लाभ प्रदान किया गया है।
आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अधिवृद्धित ऋण सहायता योजना का ले लाभ
एडीसी ने बताया कि अल्पसंख्यक वर्ग की आर्थिकी सुदृढ़ करने के लिए आर्थिक क्रियाकलापों के लिए अधिवृद्धित ऋण सहायता योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के पात्र व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 98 हज़ार रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में रहने वालों की सालाना आय 1.20 लाख रूपये की आय सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत आवेदक दुकान के लिए 5 लाख तथा रोजगार के लिए मशीन एवं गाड़ी खरीद के लिए 20 लाख रूपये तक का ऋण ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि 10 लाख रूपये तक की ऋण राशि पर 6 प्रतिशत तथा उससे ज्यादा ऋण राशि के लिए 8 प्रतिशत ब्याज का प्रावधान है। एडीसी ने बताया कि इस योजना के तहत अभी तक जिला ऊना से किसी भी उम्मीदवार ने आवेदन नहीं किया है। उन्होंने पात्र युवाओं से आहवान किया कि वे अपनी आर्थिकी में सुधार लाने के लिए इस योजना का लाभ लें।
राष्ट्रीय न्यास के तहत जिला स्तरीय समीक्षा बैठक
एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के तहत मानसिक रूप से दिव्यांगजनों स्वपरायणता, प्रमस्तिक घात, मानसिक मंदता तथा बहु दिव्यांगता से ग्रस्त दिव्यांगजन के लिए विधिक संरक्षण सुविधा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि जो दिव्यांग व्यक्ति इससे ग्रसित है, को माता या उनकी मृत्यु उपरांत अन्य कानूनी संरक्षक द्वारा संरक्षण उपलब्ध करवाना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिला में अबतक 92 मामलों में विधिक संरक्षता प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
जिला स्तरीय दिव्यांग समिति की समीक्षा बैठक
एडीसी ने बताया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत दिव्यांगजनों को समाज में समानता के अधिकार के संदर्भ में जीवन-यापन हेतू विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन-यापन कर सकें। उन्होंने बताया कि जिला में 5,544 दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत चालू वर्ष में अब तक 9 करोड़ 27 लाख 38 हज़ार रूपये की धन राशि व्यय की जा चुकी है। दिव्यांग विवाह पुरस्कार योजना के तहत दिव्यांग व्यक्ति से शादी करने पर 40 से 74 प्रतिशत दिव्यांगता पर 25 हज़ार रूपये तथा इससे अधिक अक्षमता पर 50 हज़ार रूपये का विवाह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 6 लाभार्थियों को दो लाख रूपये की राशि प्रदान की गई है। दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 69 लाख रूपए की राशि की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए की वह इस योजना के बारे में विद्यार्थियो ंको जागरूक करें ताकि कोई दिव्यांग विद्यार्थी इस योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि कम्पयूटर ऐपलिकेशन योजना के तहत 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के दिव्यांगजनों को कम्पयूटर प्रशिक्षण प्रदान करने की सुविधा है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण प्रदान करने वाले संस्थान को 1500 रूपये प्रति दिव्यांग छात्र टयूशन प्रदान की जाती है तथा प्रशिक्षण के उपरांत विभिन्न कार्यालयों में छः माह के लिए अप्रेंटिस प्लेसमेंट दी जाती है। इस अवधि के दौरान दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1800 रूपये की राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 4 दिव्यांगजनों को इसका लाभ दिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि दिव्यांगजनों के यूडीआईडी कार्ड बनाने हेतु जिला में अबतक 5,356 आवेदन पंजीकृत हुए है जिनमें से 5,018 यूडीआईडी कार्ड जारी किए जा चुके है जबकि 338 मामले वेरिफिकेशन के लिए सीएमओ पॉर्टल पर है।
जिला कल्याण अधिकारी अनीता शर्मा, जिला चिकित्सा अधिकारी ऊना सुखद्वीप सिंह सिधू सहित विभिन्न विभागां के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। https://www.tatkalsamachar.com/hamirpur-child-development/