सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. बिहार सरकार और रिया ने लिखित दलील सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी है. रिया चक्रवर्ती की याचिका (पटना में दर्ज केस मुंबई ट्रांसफर करने) पर सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट इस बात का फैसला करेगा कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच मुंबई पुलिस करेगी या फिर सीबीआई.
केंद्र ने सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया है. सीबीआई ने इसमें कहा है कि 56 गवाहों के बयान दर्ज करने की मुंबई पुलिस की कार्रवाई किसी कानून के बैकअप के तहत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मुंबई में कोई ‘केस’ लंबित नहीं है, इसलिए वहां ट्रांसफर का कोई सवाल ही नहीं है. साथ ही ये भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को CBI और ED को ये जांच जारी रखने देना चाहिए.
बिहार सरकार ने SC में दाखिल कीं लिखित दलीलें
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कीं लिखित दलीलें. बिहार ने कहा कि सिर्फ उन्होंने ही इस केस में FIR दर्ज की है और जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. इसलिए रिया की ट्रांसफर याचिका निष्प्रभावी है और इसे खारिज किया जाए. इन दलीलों में बिहार सरकार ने कहा है कि मुंबई पुलिस राजनीतिक दबाव में FIR दर्ज नहीं कर रही है. मुंबई पुलिस ने जांच में बिहार पुलिस का सहयोग नहीं किया. बिहार पुलिस ने कानून के दायरे में रहकर अपने क्षेत्राधिकार में ये FIR दर्ज की है क्योंकि ये शिकायत एक संज्ञेनीय अपराध की थी.
रिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया. कहा बिहार सरकार द्वारा दर्ज FIR गैरकानूनी है. बिना अधिकार क्षेत्र के बिहार सरकार ने FIR को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया. इस मामले में उनके खिलाफ कोई भी सबूत नही है. सुशांत सिंह के पिता केके सिंह ने जो आरोप लगाए हैं वो बिना किसी आधार के हैं. बिहार पुलिस इस मामले में ज्यादा से ज्यादा जीरो FIR दर्ज कर सकती थी. उसकी ट्रांसफर याचिका सुनवाई योग्य है.
– रिया ने कहा है कि अगर मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. अगर सुप्रीम कोर्ट अपनी शक्ति का इस्तेमाल कर मामले को सीबीआई को सौंपता है तो उन्हें आपत्ति नहीं होगी.