मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पौंग क्षेत्र विकास बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यहां पैराग्लाइडिंग, पैरा सैलिंग, वाटर स्कूटर, केयाकिंग, स्पीड बोट, क्रूज बोट, वाटर जोर्बिंग बाॅल्स, हाउस बोट, शिकारा, फ्लोटिंग जैट्टी और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट जैसी खेल गतिविधियां आरम्भ करने के लिए भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड से मंजूरी ली जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, पौंग बांध जलाश्य में खेल क्रीड़ाओं के लिए भारतीय नौ सेना अथवा तटरक्षक सेना के सहयोग से एक उत्कृष्ट संस्थान स्थापित करने की संभावनाएं भी तलाशी जाएं ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित किया जा सके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि बोर्ड के गठन का प्रमुख उद्देश्य पौंग क्षेत्र का एकीकृत एवं योजनाबद्ध विकास और इस क्षेत्र में पर्यटन एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए नीतियां एवं योजनाएं तैयार करना है। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पौंग बांध को नई राहें-नई मंजिलें योजना के अन्तर्गत भी विकसित किया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत 7.96 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं ताकि पौंग बांध को प्रदेश के प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में स्वीकृत गतिविधियां क्रियान्वित करने के लिए कारगर कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, पर्यटन परियोजनाओं के निष्पादन में निजी निवेश आकर्षित करने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पौंग बांध विकास बोर्ड को सुदृढ़ बनाने के लिए समुचित कदम उठाए जाएंगे। पौंग बांध क्षेत्र के किनारे बेहतर सड़क सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि पर्यटक यहां आने के इच्छुक हों।
एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित 8.33 करोड़ रुपये की परियोजना के पहले ट्रैंच के कार्यान्वयन में बरती जा रही ढील पर असन्तोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच बिठाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच रिपोर्ट एक महीने के अन्दर प्रस्तुत की जाए ताकि वास्तविकता सामने आ सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल क्रीड़ा प्रेमियों को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए क्षेत्रीय जल क्रीड़ा केन्द्र महाराणा प्रताप सागर, पौंग बांध की गतिविधियों का विविधिकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अभयारण्य में हर वर्ष लाखों की संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं जिसे देखते हुए अधिक वाॅच टावर लगाए जाने चाहिए ताकि पर्यटकों को पक्षियों को देखने की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुविधा के लिए फतेहपुर उप-मण्डल में भी उचित स्थानों पर पक्षियों को निहारने के लिए स्थल विकसित किए जाएं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पौंग बांध में रामसर गिरि द्वीप को भी पयर्टन की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए, जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक नौकाओं के माध्यम से पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रमुख स्थलों पर फ्लोटिंग जैट्टिज की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए ताकि लोग नौकायन का आनन्द उठा सकें।
विधायक एवं बोर्ड के सदस्य होशियार सिंह ने कहा कि पौंग बांध क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हरिपुर गुलेर चित्रकला विश्व प्रसिद्ध है, जिसको पुनः प्रचलित करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, हरिपुर के आस-पास के क्षेत्रों में कई मन्दिरों का जीर्णोद्वार कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, जो पौंग बांध क्षेत्र से दूर हैं।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने भी पौंग बांध क्षेत्र के विकास के लिए अनेक सुझाव दिए।
पर्यटन सचिव देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री और बोर्ड के सदस्यों का स्वागत किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह एवं आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव के.के. पंत, पर्यटन निगम की महाप्रबन्धक कुमुद सिंह, भाषा, कला एवं सस्कृति विभाग के निदेशक सुनील शर्मा और बीबीएमबी एवं पर्वतारोहण संस्थान के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया।