शिमला : विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि कांग्रेस किसानों और बागवानों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी.

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Vikramaditya-Singh-tatkasamachar.com
Congress' Vidyak Vikramaditya Singh has said that Congress will not tolerate any kind of injustice to farmers and gardeners.

.कांग्रेस विद्यायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि कांग्रेस किसानों व बागवानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय सहन नही करेगी।उन्होंने कहा है कि प्रदेश के किसान व बागवान अपनी कोई भी आवाज उठाने में पूरी तरह सक्षम है।उन्होंने कहा कि इससे पहले भी प्रदेश के बागवान अपनी मांगों को लेकर लड़ाई लड़ चुके है और आगे भी लड़ने को तैयार है।आज यहां पत्रकारों के साथ अनोपचारिक बातचीत में विक्रमादित्य सिंह ने पिछले कल सोलन में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ एक व्यक्ति से हुए वाद विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि नेता हो या कोई आम व्यक्ति सभी को अपनी भाषा पर सयम रखना चाहिए,और एक शिष्टाचार होना चाहिए।उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश में किसान नेता टिकैत के आने से कोई आपत्ति नही है।

उन्हें आपत्ति केवल अभद्र भाषा  से है।उन्होंने कहा कि जब कोई इस प्रकार का विवाद या तनाव पैदा हो जाता है तो यात्रा या किसी भी आंदोलन का असली मकसद पीछे रह जाता है।उनका कहने का यही मकसद भी था।वह राकेश टिकैत का सम्मान करते है ,वह किसानों की एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे है और किसान आंदोलन का वह स्वम् भी समर्थन करते है।विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह प्रदेश में सेब बागवानों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है।उन्होंने कहा कि उन्होंने किसानों व बागवानों के मुद्दों को सदन के अंदर भी उठाया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार के समय कोल्ड स्टोर खोले गए, सरकारी विपणन व्यवस्था शुरू की,साथ मे न्यूनतम समर्थन मूल्य शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में लकड़ी के  बक्सों की जगह गत्ते की पेटियों का प्रचलन कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था।इसके लिये गुम्मा के प्रगति नगर  में एक बड़ी गत्ता फेक्ट्री भी स्थापित की थी।उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने बागवानी विकास के लिये 1400 करोड़ का एक प्रोजेक्ट भी लाया था, जो बर्तमान सरकार की उपेक्षा का शिकार बना है।विक्रमादित्य सिंह ने सेब के दामों में निरंतर हो रही गिरवाट पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।उन्होंने कहा कि बागवानों को उनकी लागत का उचित दाम मिले, इसे पूरी तरह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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