
आयुष घर-द्वार कार्यक्रम के प्रथम चरण के सफल क्रियान्वयन के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं आयुष मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने आज यहां शिमला से कार्यक्रम के दूसरे चरण का शुभारंभ किया।
विभिन्न जिलों के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के पश्चात डाॅ. राजीव सैजल ने आयुष घर-द्वार के पहले चरण की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कोविड-19 महामारी की रोकथाम और नियंत्रण में आयुष विभाग के योगदान के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने आयुष विभाग के निरंतर सहयोग से लोगों को योग अपनाने के लिए आर्ट आॅफ लिविंग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 21 जून, 2021 तक प्रतिदिन विभिन्न योग गतिविधियां आयोजित की जाएंगी और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को एक विशाल आयोजन बनाने की परिकल्पना की गई है।
आयुष घर-द्वार के लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए, डाॅ. सैजल ने उनसे बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग को अपने जीवन के अभिन्न हिस्से के रूप में अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि यह देश का एक अनूठा कार्यक्रम है और विभाग के अधिकारियों को इसे सफल बनाने का निर्देश दिया ताकि अन्य राज्य इस कार्यक्रम को अपनाकर अपने निवासियों को लाभान्वित कर सकें।
आयुष विभाग की संयुक्त निदेशक आयुष डाॅ. राखी सिंह ने कार्यक्रम के दूसरे चरण की मुख्य विशेषताओं का वर्णन किया।
डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि कार्यक्रम के दूसरे चरण में आयुष के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के साथ-साथ पोस्ट कोविड आयुष पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से आम लोगो द्वारा कोविड के उचित व्यवहार को अपनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। आयुष विभाग आर्ट आॅफ लिविंग और योग भारती के सहयोग से वर्चुअल माध्यमों से कोविड-19 महामारी की रोकथाम और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपायों पर आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मामलों में निवारक, रोगनिरोधी और चिकित्सीय उपयोग के लिए आयुष-64 का उपयोग किया जाएगा और विभाग द्वारा 40 गोलियों के 20800 पैकेट वितरित किए जाएंगे।
इस अवसर पर उन्होंने किसानों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं से सम्बन्धित जानकारी पर आधारित औषधीय पौधों की गाइड किसान निर्देशिका जारी की। उन्होंने औषधीय पौध वृक्षारोपण अभियान चरक वाटिका योजना के प्रथम चरण की रिपोर्ट भी जारी की।
कार्यक्रम के पहले चरण की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि 14 मई 2021 को पहले चरण की शुरुआत के बाद से कार्यक्रम द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों में आशा की किरण जगाई। यह कार्यक्रम राज्य के 30000 से अधिक रोगियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करनेे में सक्षम रहा है। होम आइसोलेशन के दौरान मरीजों को क्या करें और क्या न करें, इसके बारे में विभाग के डाॅक्टरों और आर्ट आॅफ लिविंग तथा योग भारती फाउंडेशन के स्वयंसेवकों द्वारा योग, सांस के व्यायाम, भजन और संवाद स्थापित करके जागरूक किया गया। इसके लिए 1000 समूहों के लक्ष्य की तुलना में 1047 वहाट्सएप समूह बनाए गए, जिसमें 37000 वर्चुअल शिविरों के माध्यम से लगभग 3 लाख लोगों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से नियमित रूप से होम आइसोलेशन के तहत रोगियों को परामर्श दिया गया और प्रेरित किया गया, जिससे रोगियों के तनाव और चिंता के स्तर में कमी आई और अन्य सम्बंधित लक्षण जैसे अनिद्रा, बेचैनी, भय, अत्यधिक पसीना, अस्वस्थता, डिप्रेशन आदि मामलों में तेजी से स्वास्थ्य लाभ हुआ।
इससे पूर्व निदेशक आयुष डी.क. रतन ने स्वास्थ्य मंत्री एवं कार्यक्रम के सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम आयुष घर-द्वार चरण-1 की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनुराग विजयवर्गीय ने भी आयुर्वेद के महत्व के सम्बंध में अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि वर्तमान आवश्यकता के अनुसार लोगों के स्वास्थ्य हितों के मद्देनजर इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को पुर्नस्थापित किया जाए।
आयुष विभाग के संयुक्त निदेशक (तकनीकी) डाॅ. तेजस्वी विजय आजाद ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
आर्ट आॅफ लिविंग की प्रदेश संयोजक मीनाक्षी और शुकांत चैहान भी इस मौके पर अवसर पर उपस्थित थे।