शिमला : कोविड के मरीजों को जल्द अस्पताल पहुंचाना सुनिश्चित करें

0
11
shimla-news-covid-19
Shimla: Make sure to take the patients of Covid to the hospital soon
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि कोविड  मरीजों को कवारंटीन होने तथा सामाजिक भय और सामान्य जुखाम को हलके में लेने  के कारण स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचाने में देरी की जा रही हैं।  उन्होंने कहा कि को-माॅर्बिड मरीजों को डीसीसीसी तथा डीसीएचसी संस्थानों  में दाखिल कर उनकी सघन निगरानी की जानी चाहिए तथा सांस लेने में तकलीफ या  आॅक्सीजन की कमी का शीघ्र पता लगाया जाना चाहिए। को-माॅर्बिड तथा वृद्वजन  मरीजों को नियमित रूप से अस्पताल जाने के बजाय ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम  से टैली परामर्श सेवाओं का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने सभी लोगों विशेषकर  को-माॅर्बिड मरीजों से कोविड टीकाकरण के लिए आगे आने का आग्रह किया।


उन्होंनेे  कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 के मरीजों को नियमित फाॅलोअप के  लिए हिमाचल कोविड केयर ऐप पर पंजीकरण करवाना चाहिए ताकि उनकी नियमित  निगरानी की जा सके। इससे मरीज की स्थिति बिगड़ने पर समय रहते उच्च स्वास्थ्य  संस्थान में रैफर करने से मृत्यु दर में कमी सुनिश्चित होगी।


प्रवक्ता  ने कहा कि प्रदेश में कोविड के मरीजों को शीघ्र स्वास्थ्य संस्थानों में  पहुंचाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए है। इस उद्देश्य के लिए 24 घंटे  कार्यशील समर्पित केंद्रीय डेस्क स्थापित किया जा सकता हैं जो आम लोगों को  जागरूक करेगा। उन्होंने सभी चिकित्सकों से समय-समय पर भारत सरकार के  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्र सरकार, एम्स, आइसीएमआर तथा  प्रदेश सरकार द्वारा जारी उपचार प्रोटोकाॅल व दिशा-निर्देशों का पालन करने  का आग्रह किया है।


उन्होंने  कहा कि कोविड-19 जैसे लक्षणों वाले मरीजों तथा आरटी-पीसीआर टेस्ट में  नेगेटिव आने वाले मरीजों में यदि आॅक्सीजन की कमी पाई जाती है तो उन्हें  अस्पताल के ट्राइएज क्षेत्र में दाखिल कर कोविड-19 प्रबंधन के लिए बताया  गया उपचार आरंभ किया जाना चाहिए।

कोविड-19 महामारी के दौरान स्टेराॅयड के सदुपयोग के संबंध में एडवाइजरी जारी

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि कोविड के  विभिन्न मामलों में यह देखा गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज चिकित्सकों से  परामर्श लिए बिना ही अत्यधिक मात्रा में स्टेराॅयड ले रहे हैं। इसके  परिणामस्वरूप शरीर में वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी कम होना व ब्लड शुगर  में अनियमितता जैसे प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं। इसके अत्यधिक उपयोेग से  ब्लैक फंगस जैसे विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में वृद्धि भी हो सकती है।


उन्होंने  कहा कि स्टेट क्लीनिकल टीम ने सुझाव दिया है कि स्टेराॅयड का प्रयोग  चिकित्सा परामर्श के साथ केवल उन कोविड-19 के मरीजों में ही किया जाना  चाहिए, जिनका आॅक्सीजन स्तर कम है।


 भारत  सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकाॅल के अनुसार चिकित्सक को केवल मध्यम और  गंभीर कोेविड-19 संक्रमण के मामालों में ही स्टेराॅयड का उपयोग करना चाहिए।  उन्होंने सांस लेने में परेशानी के लक्षणों वाले लोगों से आग्रह किया है  कि वे जल्द से जल्द अपना कोविड-19 टेस्ट करवाएं और स्वयं स्टेराॅयड का  उपयोग करने से बचे।

रेमडेसिविर और स्टेराॅयड के सदुपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेमडेसिविर का  उपयोग आवश्यकतानुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके  दृष्टिगत स्टेट क्लीनिकल टीम की सिफारिशों के अनुसार रेमडेसिविर का उपयोेग  केवल कोविड-19 के मध्यम से लेकर गंभीर मामलों में ही किया जाए, जिनमें  अनुपूरक आॅक्सीजन की आवश्यकता है और किडनी या लीवर की बीमारी से संबंधित  कोई हिस्ट्री नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग उन मरीजों के उपचार में  नहीं किया जाना चाहिए जो आॅक्सीजन स्पोर्ट पर नहीं हैं या होम आइसोलेशन में  हैं।


उन्होंने कहा कि  रेमडेसिविर को केवल अस्पताल में ही लगाया जा सकता है और ऐसे मामलों में  निर्णय लेने के लिए प्रत्येक डीसीएचसी और डीसीएच में रेमडेसिविर आॅडिट  समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि  रेमडेसिविर का न तो घर पर भंडारण किया जाए और न ही घर पर इसका उपयोग किया  जाना चाहिए। कोविड कपेस्टि पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रदेश में  विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में रेमडेसिविर के कुल 8970 वायल उपलब्ध हैं।

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here