अगर किसी इंसान के मन में सकारात्मक सोच हो तो वह गंभीर बीमारी को भी आसानी से मात दे सकता है। यह मानना है धर्मशाला नगर निगम के झिकली बड़ोल, डाकघर दाड़ी के 45 वर्षीय पंकज कुमार तथा उनकी धर्मपत्नी ज्योति का।
डाकघर धर्मशाला में कार्यरत पंकज कुमार तथा ज्योति कोरोना को मात देकर पुनः अपनी सामान्य दिनचर्या में लौट आए हैं। 3 मई को कोरोना रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद वह धर्मशाला स्थित झिकली बड़ोल अपने निवास में 17 दिन के लिए होम क्वारंटीन थे। उनका कहना है कि होम आइसोलेशन के दौरान वह पूरे नियमों का पालन करते हुए संतुलित एवं स्वच्छ डाइट लेते रहे। इस दौरान सबसे पहले आशा वर्कर ने उन्हेंघर आकर दवाई की किट प्रदान की। वह बताते हैं कि इस दौरान आशा वर्कर रोज उन्हें फ़ोन करके, उनके बुखार तथा ऑक्सीजन लेवल की जानकारी लेते रहे। उनके घर में उनकी माता कमलेश कुमारी, एक बेटी तथा बेटा साथ रहते हैं। जब उनके टेस्ट करवाए गये तो उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को अपने बड़े भाई केशव के घर भेज दिया ताकि परिवार इस वायरस से अछूता रहे।
पंकज कहते हैं, भभइस दौरान उपायुक्त कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, धर्मशाला तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से समय-समय पर उनके स्वास्थ्य बारे जानकारी ली जाती रही। डाक विभाग के अधिकारी भी हर रोज़ फोन पर उनका कुशलक्षेम पूछते रहेे। विभागीय अधिकारियांे द्वारा उन्हें थर्मामीटर तथा ऑक्सीमीटर उपलब्ध करवाए गये, जिससे हम समय-समय पर अपना बुखार तथा ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहे।
उनकी पत्नी ज्योति कहती हैं, भभकोरोना से लड़ते हुए हमनेे यह सीख ली कि अगर हम अपने अंदर सकारात्मक सोच पैदा करें और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार दिनचर्या ठीक रखें, तो हम शीघ्र ही ठीक हो सकते हैं और इस वायरस से आसानी से जंग जीती जा सकती है।’’ वह प्रदेश सरकार, ज़िला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग तथा डाकघर विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि उनके सहयोग से ही इस इस जंग को जीतने में कामयाब हुए हैं।
उपायुक्त राके्य प्रजापति लोगों से अपील करते हुए कहते हैं कि सभी व्यक्तियों को प्रदेश सरकार, ज़िला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। बार-बार हाथ धोने और सैनेटाइज़ करते रहना चाहिए। सभी को सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए बाहर निकलने पर समय सही तरीक़े से मास्क लगाने चाहिए। बुखार, खांसी आदि के लक्षण दिखने पर तुरन्त नज़दीकी अस्पताल में सम्पर्क करना चाहिए।