भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने में भारत ने 150 से ज़्यादा देशों की मेडिकल और दूसरी मदद की है.
प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद (UN ECOSOC) के हाई लेवल सेगमेंट वाले सत्र को संबोधित किया. ये संबोधन वर्चुअल था.
मोदी ने कहा कि भारत शुरू से ही संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों का समर्थन करता रहा है और यूएन के आर्थिक और सामाजिक परिषद के पहले अध्यक्ष तो एक भारतीय रहे हैं.
मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की 75वीं सालगिरह एक मौक़ा है कि मौजूदा दुनिया में इसके रोल और प्रासंगिकता का मूल्यांकन किया जाए.
भारत हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया है. उसके बाद प्रधानमंत्री पहली बार यूएन के किसी सत्र को संबोधित कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने में भारत ने 150 से ज़्यादा देशों की मेडिकल और दूसरी मदद की है.
मोदी ने कहा कि कोरोना ने सभी देशों की उभरने की क्षमता को भी चुनौती दी है.
उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए इसे एक जनआंदोलन बना दिया गया है, जिसमें सरकार की कोशिशों के साथ-साथ नागरिक समाज भी अपना योगदान दे रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2022 तक भारत में हर किसी के पास सिर छुपाने के लिए अपना घर होगा. उन्होंने कहा कि 2022 में भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे होंगे और उनकी सरकार हाउसिंग फ़ॉर ऑल को लेकर प्रतिबद्ध है.
उन्होंने एक बार दोहराया कि उनकी सरकार का नारा है ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ और सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल्स (एसडीजी) का भी यही लक्ष्य है कि किसी को पीछे नहीं छोड़ा जाए.
मोदी ने कहा कि भारत अपने घरेलू प्रयासों से एजेंडा 2030 और एसडीजी के लक्ष्यों को पाने में अहम भूमिका निभा रहा है और दूसरे विकासशील देशों की भी मदद कर रहा है.
उन्होंने कहा कि “भारत में दुनिया का छठा हिस्सा रहता है, और हमें अपनी ज़िम्मेदारियों का एहसास है. अगर भारत अपने विकास के लक्ष्यों को पाने में सफल होता है तो ये वैश्विक लक्ष्यों को पाने में भी बहुत बड़ा क़दम होगा.”