बिहार चुनाव में बीजेपी एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी देने के स्टैंड पर पूरी तरह से कायम है. लेकिन बिहार में जिस तरह का जनादेश इस बार आया है, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है. यही वजह है कि बीजेपी और जेडीयू दोनों की ही नजर स्पीकर की कुर्सी पर होगी.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद अब एनडीए सरकार के गठन को लेकर मंथन का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी एनडीए गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी देने के स्टैंड पर पूरी तरह से कायम है. लेकिन बिहार में जिस तरह का जनादेश इस बार आया है, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है. यही वजह है कि बीजेपी और जेडीयू दोनों की ही नजर स्पीकर की कुर्सी पर होगी.
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी जेडीयू के टिकट पर एक बार फिर सरायरंजन सीट से जीतकर विधायक बने हैं. विजय चौधरी जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के काफी करीबी और भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं. 2015 के चुनाव में नीतीश कुमार ने महागठबंधन में आरजेडी से 10 सीटें कम जीतने के बाद भी स्पीकर का पद नहीं छोड़ा था जबकि लालू यादव आरजेडी के किसी नेताओं को इस कुर्सी पर बैठाना चाहते थे.