गत सप्ताह लेह में लेह प्रशासन और भारतीय सेना के सहयोग से पांच से आठ सितंबर तक आयोजित की गई लेह मैराथन में मनाली की धावक और स्नो मैराथन की ब्रांड एम्बेसेडर तेनजिन डोलमा ने आयोजन की सबसे लंबी रेस जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस चार दिवसीय आयोजन में देश के 28 राज्यों और विश्व के 24 देशों के लगभग 6200 धावकों ने भाग लेकर अपने साहस का परिचय दिया। इस आयोजन में विभिन्न श्रेणियों में रेस आयोजित की गई थी जिसमें लंबी रेस 122 किलोमीटर की सिल्क रूट अल्ट्रा चैलेंज रही। डोलमा ने आयोजन की इस सबसे चुनौतीपूर्ण रेस में प्रथम रह कर यह खिताब अपने नाम किया । शुक्रवार को अपने गृह निवास मनाली स्थित कोठी पहुंचने पर गांव वालो नें गर्मजोशी के साथ डोलमा का स्वागत किया। महिला वर्ग में दूसरी बार इस मेराथन में भाग ले रही 37 वर्षीया डोलमा ने न केवल रेस जीती बल्कि 122 किलोमीटर की दूरी 17ः03ः15 टाईमिंग के साथ अपने गत वर्ष की रिकार्ड टाईमिंग को दो घंटे आठ मिनट और 37 सेकेंड के साथ तोड़ा। रेस ओपन कैटेगरी में आयोजित की गई थी। शिखा पाहवा 19ः25ः39 की टाईमिंग के साथ दूसरे जबकि सूफिया सूफी को 20ः36ः19 की दर्ज टाईमिंग के साथ तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। इस रेस के अलावा मेराथन में 72 किलोमीटर की खारदुंगला चैलेंज, 42 किलोमीटर की फुल मेराथन, 21 किलोमीटर की हाफ मेराथन और अन्य शार्ट रेस भी आयोजित की गई थी।
डोलमा को कुल साढ़े तीन लाख धनराशि, गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट के साथ सम्मानित किया गया।
पेशे से एक ढाबा मालकिन और एक बच्चे की मां डोलमा गत छह वर्षो से अल्ट्रा रेसिंग कर रही है। मनाली और लाहौल की पहाड़ियों में वह विकली प्लान कर लगभग 60-70 किलोमीटर की रनिंग प्रेक्टिस करती हैं। अपनी कामयाबी में वह हर मार्च में आयोजित होने वाली स्नो मेराथन लाहौल का भी आभार व्यक्त करती है जिसकी वह गत तीन वर्षो से ब्रांड ऐम्बेसेडर के साथ साथ चैंम्पियन भी है। डोलमा ने अब तक आयोजित स्नो मेराथन के तीनों संस्करणों में महिला वर्ग की चैंपियन है। इसके अलावा डोल्मा ने वर्ष 2020 में 480 किलोमीटर की हैल रेस, 2020 में पटासु पीक ट्रेल, 2021 में 60 और 100 किलोमीटर की सोलांग स्काई अल्ट्रा ट्रेल जीत चुकी हैं। https://tatkalsamachar.com/kangra-news-construction-of-road/ इसके अलावा डोल्मा टाटा मुम्बई मैराथन और न्यू दिल्ली मैराथन में चौथा स्थान अर्जित कर चुकी हैं। वर्ष 2023 में उन्होंने 72 किलोमीटर का खारदुंगला चैलेंज, 102 किलोमीटर का रोहतांग अल्ट्रा चैलेंज पूरा किया था।
डोल्मा की नजरें अब सितंबर 28 को आयोजित होने वाली स्पिति मैराथन और दिसंबर में बेंगलुरु में आयोजित होने वाली 2024 आईएयू 100 किलोमीटर वर्ल्ड चैम्पियनशिप पर है जिसके खिताब जीतने के लिये वे जमकर प्रैक्टिस करेंगीं।
28 और 29 सितंबर को होगी पहली स्पीति मैराथन
स्पिति क्षेत्र में सहासिक खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में भारतीय सेना, टीम स्नो मैराथन के सहयोग से 28 और 29 सितंबर को पहली स्पिति मैराथन का आयोजन करने जा रही है। https://youtu.be/dwd2AyA4xbI?si=RSjDTOfuXp6wrAb9 मैराथन में प्रवेश निशुल्क है और आयोजकों के अनुसार पर देश के कोने कोने से लगभग एक हजार एथलीट्स के भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं। आयोजक गौरव शिमर ने बताया कि मैराथन चार कैटेगरियों में आयोजित की जायेगी। 77 किलोमीटर की स्पीति एवेंजर्स चैलेंज काजा से सम्दो तक होगी जबकि 42 किलोमीटर की फुल मैराथन का रूट सम्दो – हुरलिंग – सम्दो होगा। 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन का रूट सम्दो – ग्यू – सम्दो होगा। इसके अलावा दस किलोमीटर की फन रन भी आयोजित की जायेगी। मार्च में होने वाली स्नो मेराथन लाहौल के आयोजन के बाद जनजातीय क्षेत्रों में स्पिति मेराथन दूसरा बड़ा आयोजन होगा।