कुल्लू : 35 वर्चुअल ग्रुप से जुड़कर हजारों को मिल रहा योग का लाभ, आयुष घर-द्वार

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Kullu: Thousands are getting benefit of yoga by joining 35 virtual groups, Ayush from door to door

आयुर्वेद विभाग का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘आयुष घर-द्वार’ कोरोना महामारी के दौर में हजारों कोविड मरीजों के लिए संजीवनी का काम कर रहा है जो आइसोलेशन में हैं। कुल्लू जिला में कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू हो चुका है और पहले ही दिन लगभग 400 लोगों ने योग किया। जिला आयुर्वेंद विभाग ने विभिन्न 35 समूह बनाए हैं और वर्चुअल माध्यम से आर्ट आॅफ लीविंग के सहयोग से हर रोज योगाभ्यास करवाया जा रहा है। आर्ट आॅफ लीविंग के प्रशिक्षित योगा शिक्षक प्रातःकाल योग सत्र करवा रहे हैं। दूसरे चरण में पहले दिन 175 पुलिस कर्मियों व 50 न्यायालय के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित लगभग 400 लोगों ने वर्चुअल माध्यम से विभिन्न प्रकार की योग क्रियाएं की।


जिला नोडल अधिकारी डाॅ. मनीष सूद के अनुसार आयुष घर-द्वार कार्यक्रम के पहले चरण में विस्मित करने वाले परिणाम सामने आए हैं। जिला में इसकी शुरूआत 30 वर्चुअल समूहों का गठन करके 800 से अधिक होम आइसोलशन मरीजों को जोड़कर की गई। तीन उपमण्डलों में कार्यक्रम को अमलीजामा पहनाया गया जिसके धरातल पर अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। सभी मरीजों को दिन में दो सत्रों मंे योग व प्राणायाम करवाया जा रहा है। इस प्रकार की विधाएं करवाई जा रही हैं जिनसे व्यक्ति की इम्यूनिटी बढे़ तथा आक्सीजन स्तर में सुधार हो। प्राणायाम क्रियाओं का संचालन योग प्रशिक्षक मेहर सिंह ठाकुर द्वारा किया जा रहा है।


डाॅ. मनीष का कहना है कि श्वसन क्रियाओं के मरीजों को फायदे मिलने शुरू हो चुके हैं। आॅक्सीजन स्तर 90-91 से 93-94 तक पहुंच रहा है। जिला में सभी समूह तन्मयता के साथ अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन कर रहे हैं। आइसोलेशन के मरीजों का मनोबल बढ़े और वे जल्द स्वास्थ्य लाभ लें, इस प्रकार की काउंसलिग भी चिकित्सक कार्यक्रम के माध्यम से कर रहे हैं। जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. बिहारी लाल स्वयं कार्यक्रम की निगरानी कर रहे हैं और जिला में इसे सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।


जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. बिहारी लाल ने कहा कि आयुर्वेद विभाग समाज को कोविड-19 के संकट से उभारने के लिए पूरी लग्न एवं सामथ्र्य के साथ आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशानुसार भरपूर योगदान दे रहा है। इस साल दूसरी लहर के दौरान पूरी शक्ति के साथ इस समर को जीतने में पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। जिला में चाहे आइसोलेशन वार्ड हो या डीसीसीसी, नाके पर ड्यिूटि हो या एक्टिव केस फांइडिंग का मुद्दा हो, विभाग के सभी चिकित्सकों और पैरा मेडिक्स ने समर्पण भाव से जनसेवा का कार्य किया है। इस साल जिला प्रबंधन ने दो डीसीसीसी कुल्लू के लिए अधिसूचित किए हैं। इनके क्रियाकलापों की सम्पूर्ण जिम्मेवारी आयुर्वेद विभाग को सौंपी गई है।
आयुष घर द्वार कार्यक्रम से सभी को जोड़ने का विभाग प्रयास कर रहा है। बीमारी से जल्द बाहर निकलने के लिए इन मरीजों के लिए विशेष तौर पर विभाग ने प्राणायाम और अनेक अन्य आसनों का प्रोटोकोल आर्ट आफ लीविंग संस्था के सहयोग से तैयार किया है। प्राणायाम से मरीजों के आक्सीजन स्तर में सुधार हो रहा है। सबसे बड़ी बात कि आइसोलेशन के मरीजों का मनोबल बढ़ाने तथा उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत बनाने में योग बहुत महत्वपूर्ण है। मरीजों का सीधे चिकित्सकों के साथ संवाद हो रहा है और आपस में भी संवाद स्थापित हो रहा है। इससे उन्हें अकेलापन कतई महसूस नहीं होता है।


आयुर्वेद मंत्री डाॅ. राजीव सैजल आयुष घर द्वार कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं। गत दिनों उन्होंने कुल्लू जिला के कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़कर आईसोलेशन के मरीजों तथा चिकित्सकों से बातचीत की। कार्यक्रम का उदद्ेश्य होम आइसोलेशन के मरीजों का मनोबल बढ़ाना भी है।
जहां बीमार, वहीं उपचार की सोच को अपनाते हुए आयुर्वेद विभाग महामारी से लोगों को बाहर निकालने में जुटा है। कोरोना पाॅजिटिव मरीज जो बिना लक्षण के यानी अल्प लक्षण युक्त हैं, उनका उपचार घर में ही करने का प्रयोजन है। इस प्रयोजन के लिए जिला में चिकित्सकों व फार्मासिस्टों की सहभागिता में बनाए गए समूहों में एक टीम के लिए कुल 25 रोगियों को शामिल किया गया है। प्रत्येक टीम संबंधित क्षेत्र में होम आइसोलेशन के मरीजों की निगरानी कर रही है। स्वास्थ्य परीक्षण के साथ आयुष क्वाथ व अन्य आवश्यक दवाईयों की भी आपूर्ति सुनिश्चिित बनाई जा रही है।


डाॅ. बिहारी लाल का कहना है कि आयुष घर-द्वार कार्यक्रम के दुसरे चरण में न केवल आइसोलेशन के मरीजों, बल्कि पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधियों तथा अन्य फ्रंटलाईन कर्मियों को भी जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अच्छी इम्युनिटी और स्वस्थ रहने के लिए अपने लिए हर रोज कम से कम आधा घण्टा अवश्य निकालें और योग व प्राणायाम की विधाओं से जुड़ें।

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