राजा वीरभद्र सिंह का शरीर पंचतत्व में समाया है लेकिन आज भी जिंदा हैं लाखों लोगों के दिलों में।हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता, वीरभद्र सिंह का 8 जुलाई को निधन हो गया. वीरभद्र सिंह का जाना कांग्रेस के एक बड़े युग का जाना है.

सिंह हिमाचल प्रदेश में ‘राजा साब’ के रूप में लोकप्रिय थे. 60 साल से ज्यादा का समय राजनीति में बिताने वाले वीरभद्र सिंह मौजूदा विधानसभा में सोलन जिले के अर्की से विधायक थे. 9 बार के विधायक और पांच बार सांसद रहे वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. राजा वीरभद्र सिंह मार्च 1998 से मार्च 2003 तक विपक्ष के नेता भी रहे.

युवा कांग्रेस नेता एवं अधिवक्ता आशीष ठाकुर ने कहा उनका राजा साहब से बचपन से नाता रहा है। आशीष ठाकुर के पिता ओंकार सिंह ठाकुर ने 30 वर्ष बतौर विशेष निजी सचिव राजा वीरभद्र सिंह जी के साथ सेवाएँ दी जिस कारण उनके साथ गहरा सम्बंध था। इतने लम्बे समय की कई यादें जुड़ी हैं। राजा साहब से जब भी उनका मिलना हुआ तो हमेशा उन्होंने जीवन में सच के पथ पर चलने को कहा और समय समय पर मार्गदर्शन करते रहते थे। उनका जाना प्रदेश के लिए बहुत बड़ा नुक़सान है जिसको पूर्ण करना असंभव है।

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