जिला नार्कोटिक्स समन्वय टीम की बैठक में विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के दिये निर्देश
नशा और उससे संबंधित कारोबार पर नकेल कसने के लिए प्रशासन और समाज के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में आज शुक्रवार को जिला नार्कोटिक्स समन्वय टीम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह शब्द कहे। इस अवसर पर जिला नार्कोटिक्स समन्वय समिति के संयोजक पुलिस अधीक्षक कांगड़ा डॉ. खुशाल शर्मा भी उपस्थित रहे। उपायुक्त ने कहा कि नशा और उसकी तस्करी प्रशासन और समाज दोनों के लिए बड़ा खतरा होने के साथ-साथ चुनौती भी है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए समाज के सभी वर्गों को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए निडर होकर प्रशासन का सहयोग करने के लिए आगे आने की आवश्यकता है।
समन्वय के साथ कार्य करें सभी विभाग
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि नशे की रोकथाम सिर्फ एक विभाग की ही जिम्मेदारी नहीं है। इसको नियंत्रित करने के लिए सभी विभागों को बेहतर समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, आबकारी, वन और पंचायती राज जैसे विभागों को बहुत निकट समन्वय के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नशा और उसकी तस्करी से संबंधित कोई भी जानकारी तुरंत प्रशासन और पुलिस तक पहुंचे, उसके लिए सभी विभागों को अपनी आंखे खुली रखने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों को नशे के सेवन और उसकी तस्करी से संबंधित कोई भी सूचना के त्वरित एक दूसरे से साझा करने के निर्देश दिए।
10 से 25 जून तक चलेगा भांग उखाड़ने के लिए अभियान
उपायुक्त ने बताया कि भांग के पौधों को उखाड़ने और उसकी पैदावार पर अंकुश लगाने के लिए जिले में हर वर्ष 10 से 20 जून तक एक समर्पित अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में शिक्षण संस्थानों, पंचायतों, गैर सरकारी संस्थाओं, यूवक मंडलों, महिला मंडलों और समाज के विभिन्न घटकों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अभिायान के दौरान अच्छा कार्य करने वालों को 26 जून अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के उपलक्ष्य पर प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
नशा पीडि़तों के लिए हो एक समर्पित हेल्पलाईन नम्बर
डॉ. निपुण जिंदल ने बैठक में स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में नशे का दंश झेल रहे पीडि़तों के लिए एक समर्पित हेल्पलाईन नम्बर चलाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाईन नम्बर के माध्यम से नशा पीडि़तों की समस्याओं को सुनने, उनकी काउंसलिंग करने और उनके उपचार से संबंधित सारी जानकारी उपलब्ध करवाई जा सके।
रेडक्रॉस के माध्यम से दोबारा शुरु किए जाएंगे डि-एडिक्शन केंद्र
उपायुक्त ने कहा कि जिला में नशे से पीडि़त व्यक्तियों के उपचार के लिए नशा निवारण केंद्रों को और सुदृढ़ किया जाएगा। धर्मशाला सहित अन्य प्रमुख स्थानों में प्रशासन रेडक्रॉस के माध्यम से नशा निवारण केंद्रों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में कार्य करेगा।
जागरुकता शिविरों के लिए तैयार होगा डिस्ट्रिक्ट एक्शन पलान
डीसी ने कहा कि नशे से युवा पीढ़ी को बचाने के लिए प्रशासन और पुलिस के साथ अन्य विभागों द्वारा भी जागरुकता अभियान चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जागरुकता शिविरों के लिए डिस्ट्रिक्ट एक्शन पलान तैयार किया जाएगा। जिसके तहत पुलिस और सामान्य प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायती राज, आबकारी, जिला कल्याण विभाग सहित गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों मे जागरुकता शिविर आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी विभाग शिक्षण संस्थानों के अवाला युवा मंडलों को भी नशों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरुक करने का कार्य करेंगे।
नशे के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के साथ करेंगे कार्य : एसपी
जिला नार्कोटिक्स समन्वय समिति के संयोजक पुलिस अधीक्षक कांगड़ा डॉ. खुशाल शर्मा ने कहा कि नशे की तस्करी और उसके सेवन के प्रति पुलिस विभाग जीरों टॉलरेंस नीति के साथ कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा जिला में नशा तस्करों को पकड़ने और उनके नेटवर्क को कमजोर करने के लिए कारगर प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग द्वारा शिक्षण संस्थानों में जागरुकता शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग जिला में युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जो भी लोग या युवा नशे से पीडि़त है वह पुलिस को नशा तस्करों की जानकारी दें। https://www.tatkalsamachar.com/shimla-nri-students/ उन्होंने कहा कि पुलिस उनके मित्र के रूप कार्य करते हुए उनकी पहचान गोपनीय रखेगी और नशा तस्करों के विरुद्ध उपयुक्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने समाज से अपील की उनके बच्चों और समाज के उज्ज्वल भविष्य के लिए नशा तस्करों को पकड़वाने में पुलिस की सहायता करें।
इस अवसर पर एसडीएम कांगड़ा शिल्पी बेक्टा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।