भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद के बीच ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन का विरोध किया है. भारत में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत बैरी ओ फ्रेल ने बुधवार को अपने एक भाषण में चीन के विकास की तारीफ़ की लेकिन साथ ही ये भी कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए बने नियमों की हिफ़ाज़त करना ज़रूरी है.
ओ फ्रेल ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से ये चिंता की बात है कि बीजिंग इसके लिए समर्पित नहीं है.’’
दूसरी ओर अमरीका ने भी कहा कि वो स्थिति पर नज़र बनाए हुए है. व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी केली मैकएनी ने कहा है, “राष्ट्रपति को हालात के बारे में जानकारी है. हम अपनी संवेदना प्रकट करते हैं.”
अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के बयानों के बाद, ‘क्वॉड’ की भूमिका को लेकर एक चर्चा शुरू हो गई है. ये दोनों देश क्वॉड समूह का हिस्सा हैं.
द क्वाड्रिलैटरल सिक्युरिटी डायलॉग (क्यूसिड) जिसे क्वॉड (QUAD) के नाम से भी जाना जाता है, ये अमरीका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक राजनीतिक वार्ता समूह है. साल 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने पहली बार इसका प्रस्ताव रखा था जिसे भारत, अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन दिया. इसके बाद इसी साल इनकी बैठक हुई थी.
“ये सिलसिला अनौपचारिक तरीक़े से शुरू हुआ था, किसी प्लान के तहत नहीं. जब सुनामी आई थी तब अमरीका, भारत और कुछ और देशों ने मिलकर राहत का काम शुरू किया था जिसका काफ़ी सकारात्मक असर हुआ था. उससे लगा कि हम कई चीज़ों में साझेदारी कर सकते हैं जो डिफ़ेंस से जुड़ा नहीं हो. लेकिन लोगों के फ़ायदे के लिए हो. इसके अलावा जब सोमालिया के समुद्री लुटेरों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन शुरू हुए, उसमें भी अमरीका, भारत और कुछ और देशों ने मिलकर काम किया. इसके नतीजे भी अच्छे थे. इन देशों को लगने लगा कि हम मिलकर काम कर सकते हैं.”